इसमें कोई शक नहीं कि आज दुनियाभर में राजस्थानियों की संस्कृति व कला का बोलबाला है। लेकिन इस बात से भी कोई सरोकार नहीं है कि पूरी दुनिया में प्रदेश के मारवाड़ी व्यवसाईयों का डंका बजता है। मारवाड़ी कारोबारियों के बारे में हमेशा एक बात खास है कि मारवाड़ी व्यापारी शॉर्ट टर्म की जगह लॉन्ग टर्म मुनाफे पर ध्यान केन्द्रित करते हैं और यही उनकी सफलता का मूल मंत्र भी है। फिर वह चाहे लक्ष्मी निवास मित्तल हो या बिड़ला परिवार या फिर राहुल बजाज। राजस्थान के इन सभी मारवाड़ी व्यवसाईयों का बिजनेस करने का तरीका और व्यापार से लगाव एक आईकन के समान है। आइए, कुछ ऐसे मारवाड़ी बिजनेसमैन के बारे में जानते हैं जिन्होंने फर्श से लेकर अर्श तक का सफर अपनी मेहनत और बिजनेस के अलग तरीकों के दम पर तय किया है।
1. लक्ष्मी निवास मित्तल
राजस्थान के सबसे सफल कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल का जन्म 2 सितम्बर, 1950 को राजस्थान के चूरू जिले की राजगढ़ तहसील में हुआ था। आज लक्ष्मी निवास मित्तल को दुनिया का इस्पात किंग कहा जाता है।
जितना बड़ा उनका व्यापार है, उतना ही बड़ा उनका दिल है। 2003 में मित्त और उषा मित्तल फाउंडेशन ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर जयपुर में एलएनएम इंस्ट्यिूट आॅफ इनफॉर्मेशन टेकनोलॉजी की स्थापना की थी। आज यह एक स्वायत्त और लाभ निरपेक्ष संस्थान है। 2008 में मित्तल ने लंदन स्थित ग्रेट ओरमोंड स्ट्रीट हॉस्पिटल को डेढ़ करोड़ ब्रिटिश पौंड का चंदा दिया था। 2015 में फोब्र्स की सूची में उन्हें दुनिया का 57वां सबसे ताकतवर व्यक्ति बताया था। 2008 में इन्हें पद्य भूषण भी दिया जा चुका है। आज मित्तल यूके में रहते हैं लेकिन अपने देश से दूर नहीं हैं। आज भी उन्हें भारतीय नागरिकता हासिल है।
2. कुमार मंगलम बिड़ला
आदित्य बिड़ला ग्रुप और इसके अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला को कौन नहीं जानता। बिड़ला ग्रुप देश के सबसे प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक है। इनका जन्म 14 जून, 1967 को राजस्थान के एक मारवाड़ी व्यवसायी परिवार में हुआ था। आज ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया सेल्युलर, रिटेल, मिनिक्स आदि बिड़ला ग्रुप के अंतर्गत आने वाली कंपनियां हैं।
कुमार मंगलम बिड़ला बिट्स् पिलानी के कुलपति भी हैं। 1995 में अपने पिता आदित्य बिड़ला के निधन के बाद इन्हें ग्रुप का अध्यक्ष बनाया गया था। उस समय इनकी उम्र केवल 28 साल थी। उस समय लोगों ने इतनी कम उम्र में उनकी काबिलियत पर सवाल उठाए लेकिन मारवाड़ी कारोबारी का दिमाग, कौशल और लगन की वजह से उन्होंने नए क्षेत्रों में भी अपनी कंपनी का विस्तार किया। आज देश के अलावा 40 अन्य देशों में आदित्य बिड़ला ग्रुप का कारोबार फैला हुआ है।
3. राहुल बजाज
देश के सबसे सफल उद्योगपतियों में बजाज समूह के अध्यक्ष राहुल बजाज का नाम शामिल है। राहुल बजाज के दादा जमनालाल बजाज राजस्थान के सीकर जिले के निवासी थे। वह महात्मा गांधी के अनुयायी और उनके करीबी रहे। अपने पिता के बाद 1965 में राहुल बजाज ने केवल 27 साल की उम्र में बजाज समूह की बागड़ोर संभाली। 1980 में बजाज दो पहिया स्कूटर का शीर्ष निर्माता रहा। ‘हमारा बजाज’ टेग लाइन के साथ चेतक स्कूटर की डिमांड इतनी थी कि एक बार इसका वेटिंग पीरियड 10 साल तक चला गया था।
आज बजाज ग्रुप दो पहिया वाहनों के साथ चार पहिया में भी अपने कदम रख चुका है। इलेक्टॉनिक्स में इस कंपनी का अपना एक वजूद है। आर्थिक क्षेत्र और उद्योग की दुनिया में उनके योगदान के लिए उन्हें राज्यसभा (2006-2010) के लिए चुना जा चुका है। आईआईटी रुडकी सहित 7 विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा है।
4. अजय मीरामल
3 अगस्त, 1955 को राजस्थान में जन्मे अजय पीरामल एक सफल उद्योगपतियों में से एक हैं। वह टाआ संस बोर्ड के गैर-कार्यकारी निदेशक हैं। पीरामल व्यापार तथा उद्योग की काउंसिल और वाणिज्य मंत्रालय द्वारा निर्मित बोर्ड के सदस्य भी हैं। फॉर्ब्स ने 2017 में उनकी कुल पूंजी 5.6 बिलियन आंकी है।
1988 में केवल 33 वर्ष की आयु में अजय पीरामल ने आॅस्ट्रलियाई कंपनी निकोलस लैबोरेटरीज को खरीद लिया था। इसके 22 साल बाद उन्होंने पीरामल हेल्थकेयर के घरेलू फार्मूलेशन कारोबार को अमेरिकी कंपनी एबट को 17 हजार करोड़ रुपए में बेच सभी को आश्चर्य में डाल दिया।
5. किशोर बियानी
मुंबई में रह रहे एक राजस्थानी परिवार में 9 अगस्त, 1961 को जन्मे किशोर बियानी फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) है। वह पेंटालून और बिग बाजार के रिटेल बिजनेस के फाउंडर भी हैं।
उनका परिवार नागौर जिले के निवासी है और धोती व साड़ी का बिजनेस करने मुंबई आया था। 1987 तक उन्होंने मैंस वियर प्रा.लि. के नाम से एक नई कंपनी शुरू की जिसमें पेंटालून ब्रांड के कपड़े बेचे जाते थे। यह ब्रांड गोवा में काफी फेमस है। आज यह ग्रुप शेयर मार्केट में भी जाना पहचाना नाम है।