आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान सरकार ने शहीद जवानों के आश्रितों को एक बड़ी घोषणा देने की तैयारी कर ली है। अब 15 अगस्त, 1947 से 31 दिसम्बर, 1970 तक शहीद हुए प्रदेश के सैनिकों के एक-एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस योजना के तहत करीब एक हजार शहीदों के आश्रितों को लाभ मिलेगा। वर्तमान में 1971 के बाद तथा 1999 कारगिल शहीदों के आश्रितों को ही राज्य सरकार के पैकेज के तहत सरकारी नौकरी देने का प्रावधान था। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।
अब तक कारगिल पैकेज में जमीन, पेट्रोल पंप के साथ एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाती रही है। लेकिन 1971 से पहले के युद्धों में शहीद प्रदेश के शहीद जवानों को अब तक नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं था। इसके लिए जल्द ही सेवा नियमों में प्रावधान किए जाएंगे।
अब तक राजस्थान सरकार द्वारा कारगिल पैकेज में जमीन, पेट्रोल पंप के साथ एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाती रही है। लेकिन 1971 से पहले के युद्धों में शहीद प्रदेश के शहीद जवानों को अब तक नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं था। इसके लिए जल्द ही सेवा नियमों में प्रावधान किए जाएंगे। ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि मौजूदा सेवा नियमों में शहीद की पत्नी, पुत्र या पुत्री को ही आश्रित मानकर अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है। लेकिन 1947 से 1970 तक शहीद हुए सैनिकों की पत्नी, पुत्र-पुत्री की आयु काफी ज्यादा होने की स्थिति में सैनिक से ‘रक्त संबंध’ शब्द को नियमों में शामिल किया जाएगा। इसके तहत सैनिक के पुत्र या इससे आगे भी कोई रक्त संबंध है तो उसे आश्रित मानकर सरकारी नौकरी दी जाएगी।
अभी हाल ही में राजस्थान सरकार ने प्रदेश के शहीद जवानों के आश्रितों को जल्द ही निशुल्क मकान भी आवंटित किए थे। राज्य सरकार के आदेश के बाद राजधानी जयपुर में राजस्थान आवासन मंडल की विभिन्न आवासीय योजना में एमआईजी-बी (MIG-B) श्रेणी के तहत शहीद जवानों के आश्रितों व परिजनों को जयपुर के प्रतापनगर में हाउसिंग बोर्ड के एमआईजी-बी (MIG-B) आवास निशुल्क आवंटिक किए हैं।
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