राजस्थान के बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से बीजेपी विधायक मानवेंद्र सिंह पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। मानवेंद्र 2013 में बीजेपी के टिकट पर बाड़मेर की शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। हाल ही में उन्होंने एक रैली आयोजित कर पार्टी छोड़ने के संकेत दिए थे। मानवेंद्र भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे हैं। बीजेपी विधायक के संगठन छोड़ने को पार्टी ने पीठ में छुरा घोंपना बताया है। मानवेंद्र सिंह ने आज बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में अपनी पत्नी चित्रा सिंह और भाई भूपेंद्र सिंह के साथ कांग्रेस ज्वाइन कर ली। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने राहुल गांधी के आवास पर मानवेंद्र को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
मानवेंद्र के पाला बदलने से राजपूत बीजेपी का साथ नहीं छोड़ेंगे
इधर, बीजेपी ने आरोप लगाया कि मानवेंद्र सिंह ने पार्टी की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मानवेंद्र के पाला बदलने से राजपूत बीजेपी का साथ नहीं छोड़ेंगे। मारवाड़ क्षेत्र की 42 विधानसभा सीटों पर अकेले बीजेपी के 14 राजपूत जाति के विधायक हैं। उन्होंने कहा कि मानवेंद्र सिंह के साथ कांग्रेस में धोखा होगा। उन्हें केवल मनमुटाव होने से पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए। राजपूत समाज बीजेपी का साथ नहीं छोड़ेगा। मंत्री राठौड़ ने कहा कि मानवेंद्र सिंह को बीजेपी ने सांसद और विधायक बनाया था। उनके पिता जसवंत सिंह को पार्टी ने देश के शीर्ष नेताओं में शामिल कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि मानवेंद्र ने कांग्रेस में जाने का फैसला कर बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपा है।
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तवज्जो ना मिलने को बताया जा रहा है मानवेंद्र के कांग्रेस में शामिल होने की वजह
बीजेपी से तवज्जो ना मिलने को मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने की बड़ी वजह बताया जा रहा है। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जसवंत सिंह को अधिक उम्र होने के कारण टिकट नहीं दिया था। इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में उनके बेटे मानवेंद्र को शिव विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया था। मानवेंद्र सिंह चुनाव जीते और विधायक भी बने। लेकिन उनके पिता जसवंत सिंह ने 2014 के आम चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारी जताई थी। मानवेंद्र अपने पिता के चुनाव प्रचार में शामिल हुए और बीजेपी को हराने के लिए वोट मांगे। इससे वाबजूद यहां बीजेपी उम्मीदवार ने शानदार जीत दर्ज की। इसके बाद से ही मानवेंद्र को भाजपा में उतनी तरजीह नहीं मिल रही थीं। मानवेंद्र सिंह पिछले महीने ही बाड़मेर के पचपदरा में स्वाभिमान रैली कर बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर चुके थे। हालांकि बीजेपी उसके बाद भी उन्हें मनाने की कोशिश करती रही।