भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 71वीं पुण्यतिथि है। आज ही के दिन साल 1948 में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी माने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। महात्मा गांधी के बारे में वैसे तो हम और आप काफी कुछ जानते हैं, लेकिन फिर भी कुछ बातें है जिन्हें शायद आप नहीं जानते हैं। आज बापू की पुण्यतिथि पर हम ऐसी ही एक घटना और रोचक किस्सें आपको अपनी इस स्पेशल रिपोर्ट में बताने वाले हैं। तो आइए आपको बताते हैं साबरमती के संत मोहनदास करमचंद गांधी के बारे में…
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
आँधी में भी जलती रही गाँधी तेरी मशाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
जी हां! इन पंक्तियों से ही बापू के विचारों का पता हमें चलता है। बापू ने बिना किसी हिंसा के ही अपनी लड़ाई लड़ी और इसमें कामयाब भी हुए। उन्होंने अहिंसा परमो धर्म को ही अपना ध्येय माना। लेकिन, ऐसा नहीं था कि गांधी जी शुरू से अहिंसा के मार्ग पर चलते रहे थे। बल्कि, एक घटना से वे हिंसा का मार्ग छोड़ अहिंसा के मार्ग पर चल पड़े थे। दरअसल, गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान 1899 के एंग्लो बोएर युद्ध में स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर मदद की थी। वहां उन्होंने युद्ध की विभिषिका को नजदीक देखा था। उस घटना ने उन्हें अंदर से बिल्कुल परिवर्तित कर दिया। और इस घटना के बाद से ही बापू अहिंसा के रास्ते पर चल पड़े थे।
इन सबके बावजूद जीनवभर अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले बापू को शांति का नोबेल पुरस्कार अब तक नहीं मिला है। हालांकि, उन्हें कुल 5 बार अभी तक इसके लिए नॉमिनेट किया गया है