जयपुर। राजस्थान में बीते कुछ सालों से अपराध चरम पर पहुंच गया है। कांग्रेस सरकार जब से आई है प्रदेश में जंगलराज है। यहां बच्चियां, लड़कियां और महिला सहित कोई भी सुरक्षित है। देशभर में अपराधिक मामलों में राजस्थान पर पहले स्थान पर काबिज है। रोजाना राज्य के हर कोने से दर्जानों मामले सामने आ रहे है। हाल ही में भीलवाड़ा जिले से मामला सामने आया है। भीलवाड़ा में पैसे उधार देकर मजबूर और गरीब परिवार को माफियाओं द्वारा ऐसे दलदल में फंसा लिया जाता है कि वह स्टांप पेपर पर अपनी बच्चियों को बेचने को मजबूर हो जाते हैं। अभी हाल ही में पंडेर क्षेत्र से बच्चियों को स्टांप पर बेचने का मामला शांत भी नहीं हो पाया था कि अब मांडलगढ़ थाना इलाके से ऐसा ही एक और मामला निकल कर सामने आया है।
स्टांप पेपर पर बच्चियों का सौदा
जानकारी के अनुसार, मांडलगढ़ थाना इलाके में रहने वाले एक नहीं तीन परिवारों को ब्याज माफियाओं ने ऐसे 10 रुपए प्रति सैकड़ा की दर पर ब्याज देकर पैसे दलदल में फंसा दिया कि वह लोग स्टांप पेपर पर अपनी बच्चियों का सौदा करने को मजबूर हो गए।
शादी के नाम पर वेश्यावृत्ति के दलदल
गरीब और निचले तबके के लोग मजबूरियों के चलते इन माफियाओं से पैसा उधार तो ले लेते हैं लेकिन चुकाने में असमर्थ रहने पर यह माफिया इनकी सहमति से इनकी बच्चियों को शादी के नाम पर स्टांप पेपर पर खरीद कर वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल देते हैं। ऐसे ही 3 पीड़ित परिवारों ने जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक के सामने न्याय की गुहार लगाई है।
माफिया दे रहे है 10 रुपए प्रति सैकड़ा से कर्ज
पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि इन माफियाओं के दलदल में फंस कर उन्होंने 10 रुपए प्रति सैकड़ा के हिसाब से कुछ पैसे का कर्ज लिया था। समय पर चुका नहीं पाए तो माफियाओं ने शादी कराने के नाम पर उनकी बेटियां सांभर खरीदी और उन्हें देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया। बच्चियां तो 12 से 15 साल गुजर जाने के बाद भी अपने परिवार में नहीं मिल पाई है।
इनके लोगों के नाम आए सामने
पीड़ित परिवारों ने एसपी आदर्श सिद्धू और कलेक्टर आशीष मोदी के सामने शिकायत करते हुए खरीददार के रूप में जुगल पिता स्वर्गीय राम स्वरूप निवासी भीपुर तहसील मालपुरा जिला टोंक, दलाल के रूप में प्रेमचंद पिता कमसिया निवासी महुआ थाना मांडलगढ़, शंभू पिता प्रसाद जाति कंजर निवासी सरदारपुरा थाना मांडलगढ़ और सूखा निवासी पीपलुंद थाना जहाजपुर के साथ ही कुछ और लोगों के नाम भी उजागर किए हैं।
परिजन बोले- लाडो को बचा लो
ऑपरेशन गुड़िया के तहत गत दिनों देह व्यापार के इस काले कारोबार का खुलासा होने के बाद यह परिवार सामने आए हैं। इन्होंने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए इन माफियाओं के दलदल में फंसी अपनी बच्चियों को आजाद कराने की मांग प्रशासन से की। वहीं प्रशासन ने इस मामले में संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज करने के आदेश देते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए हैं।