जयपुर के नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क में पिछले महीने राजस्थान की पहली लॉयन सफारी का उद्घाटन किया गया था। वन्यजीव सप्ताह (2-8 अक्टूबर के बीच) को देखते हुए बुधवार को अधिकारिक तौर पर इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। लॉयन सफारी के खुलते ही पर्यटकों का खास उत्साह यहां देखने को मिला। एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले दिन कुल 63 विजिटर्स ने अपनी एंट्री दर्ज कराई। हालांकि इनमें बच्चों की संख्या अधिक रही लेकिन शेरों को मस्ती के साथ खुले में घूमते देखना अपने आप में एक रोमांच है जिसका बच्चों सहित अन्य पर्यटकों ने आनंद उठाया। पहले दिन वाइल्ड लाइफ वीक के दौरान स्कूली स्टूडेंट्स के लिए वाइल्ड एनीमल्स पर राइटिंग कॉम्पीटिशन का आयोजन भी रखा गया था।
लॉयन सफारी के लिए पहले दिन 2 कैंटर (सवारी गाड़ी) लगाए गए। अब रोजाना 4 केंटर में विजिटर्स पार्क में एक घंटे की लॉयन सफारी को एंजॉय कर सकेंगे। इनके साथ नील गाय जैसे वाइल्ड एनीमल्स भी यहां दिखाई देंगे।
नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क में फिलहाल तेजस, तारा और त्रिपुर सहित 3 एशियाटिक शेरों को शिफ्ट कर दिया है। इन्हें पिंजरे से निकाल खुले में छोड़ दिया गया है ताकि पर्यटक इनकी अटखेलियां देख सकें। गुजरात के गिर अभ्यारण से कुछ शेर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां एसियाटिक नस्ल के शेरों का संरक्षण किए जाने पर विचार हो रहा है। नाहरगढ़ स्थित जयपुर लॉयन सफारी की सबसे खास बात यह है कि यह सफारी सीमित समय के लिए नहीं होगी बल्कि पर्यटक सालभर इस ऐडवेंचर का लुफ्त उठा सकेंगे।
36 हैक्टेयर में फैली है लॉयन सफारी, 4 करोड़ लागत
लॉयन सफारी 36 हैक्टेयर क्षेत्र में फैली है। यहां घूमने के लिए 4 मिनी बसे लगाई जाएंगी। सभी बसें पूरी तरह कवर्ड होंगी। प्रत्येक बस को सफारी के लिए एक से डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 4 करोड़ रुपए की लागत आयी है जिसे जेडीए के सहयोग से विकसित किया है। पिछले साल लॉयन सफारी का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
इसके तहत प्रवेश द्वार के लिए 2 दरवाजे बनाए गए हैं। करीब 3 किमी लंबी और साढ़े पांच मीटर ऊंची फैंसिंग के साथ 3 वाटर बॉडी, पानी का टैंक, चौकी, रात के समय शेरों को रखने के लिए 10 नाइट शैल्टर और वेटेनरी कम्पाउंड जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं।
इनका कहना है…
‘यहां अन्य एनीमल्स का भी आकर्षण रहेगा। इसके लिए जल्द सफारी एरिए में चीतल छोड़े जाएंगे। चीतल बड़ी संख्या में छोड़े जाएंगे, जो टूरिस्ट के लिए अट्रेक्शन पॉइंट होंगे। साथ ही अन्य छोटे वाइल्ड एनीमल्स भी यहां देखे जा सकते हैं।’ – जगदीश गुप्ता, पार्क के एसीएफ
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