राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि विधायकों के लिए विधानसभा ही सबसे अच्छी पाठशाला है, जहां हम विधायी कार्यों से लेकर सभी तरह के नियम और प्रतिक्रियाओं को सीखते हैं। उन्होंने कहा कि जनता एक विधायक को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनकर भेजती है, ऐसे में विधायकों को जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए। मुख्यमंत्री राजे ने मंगलवार को विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष सदन में लोकतंत्र के दो पहिए होते हैं। इसलिए सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के साथी विधायकों के साथ हमारा व्यवहार समान रूप से सरल और मृदु होना चाहिए। सीएम राजे ने कहा कि पक्ष-प्रतिपक्ष की भावना से ऊपर उठकर ही सदन के विभिन्न सदस्यों का सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में चयन किया गया है।
प्रदेश के इन 12 विधायकों को किया सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में सम्मानित
सर्वश्रेष्ठ विधायक सम्मान समारोह में विधायक शांतिलाल चपलोत को वर्ष 2003-04 के लिए, भरत सिंह को 2007, राजेन्द्र राठौड़ को 2009, गुलाबचंद कटारिया को 2010, अमराराम को 2011, सूर्यकांता व्यास को 2012, राव राजेन्द्र सिंह को 2013, माणिकचंद सुराणा को 2014, जोगाराम पटेल को 2015, गोविंद सिंह डोटासरा को 2016, बृजेन्द्र सिंह ओला को 2017 तथा अभिषेक मटोरिया को वर्ष 2018 के लिए सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने प्रशस्ति पत्र, मुख्यमंत्री ने स्मृति चिन्ह, उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह ने गुलदस्ता, संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने श्रीफल तथा नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर लाल डूडी ने शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
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सीएम वसुंधरा राजे ने सभी सर्वश्रेष्ठ विधायकों की बताई खूबियां..
मुख्यमंत्री राजे ने सर्वश्रेष्ठ विधायक सम्मान समारोह में सभी सर्वश्रेष्ठ विधायकों की खूबियों का जिक्र भी क्रिया। सीएम राजे ने सर्वश्रेष्ठ विधायक का सम्मान पाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत के बारे में कहा कि चपलोत ने सदैव विधानसभा अध्यक्ष के रूप में पद की गरिमा और शालीनता बढ़ाई है। इसी प्रकार पूर्वमंत्री भरत सिंह ने अपनी ईमानदारी और बेदाग छवि के कारण विशेष पहचान बनाई। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि संविधान, प्रक्रिया नियमों तथा संसदीय परम्पराओं का गूढ़ ज्ञान रखने वाले राजेन्द्र राठौड़ ने विधानसभा के सुचारू संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने संसदीय परम्पराओं को ऊंचे आयाम दिए हैं। उन्होंने विधायक अभिषेक मटोरिया को ओजस्वी वक्ता बताते हुए कहा कि मटोरिया युवाओं की समस्याओं के लिए सदैव सजग रहते हैं। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने राज्यपाल कल्याण सिंह का संदेश पढ़ा।