झुंझुनूं जिले के मलसीसर में कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना का डेम टूटने के मामले को मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने काफी गंभीरता से लेते हुए डेम निर्माण कंपनी के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नार्गाजुना कंस्ट्रक्शन कंपनी (सनसीसी) के प्रोजेक्ट मैनेजर बी. प्रसाद और अतिरिक्त प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेश सहित दो अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही जल संसाधन विभाग की ओर से कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना डेम निर्माण करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में डालने और कई करोड़ लीटर पानी बर्बाद होने का आरोप लगाया गया है। साथ ही बांध की गुणवत्ता की जांच रूड़की या दिल्ली आईआईटी से कराने की तैयारी चल रही है। फिलहाल मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सकता है।
पीएचईडी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने दावा किया है कि मलसीसर में कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना का टूटा बांध एक माह में ठीक करा जिले के चयनित क्षेत्रों को मीठा पानी उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही तीन चीफ इंजीनियर्स की कमेटी एक माह में जांच कर रिपोर्ट देगी और दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। प्रारंभिक तौर पर दो अभियंताओं को निलंबित भी किया जा चुका है।
बता दें कि केवल तीन महीने पहले तैयार हुई कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना का बांध शनिवार को टूट गया था। बांध के निर्माण पर करीब 588 करोड़ रूपए लागत आई है। बांध टूटने से 8 करोड़ लीटर पानी व्यर्थ बह गया है। इस परियोजना की शुरूआत 2013 में हुई थी। काम 2016 में देना था लेकिन किन्हीं कारणों से यह 3 माह पहले ही बनकर तैयार हुआ है। शनिवार रात इस बांध से पानी का बहाव तो रूक गया लेकिन क्षेत्र में करीब तीन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खेतों में पानी भरा हुआ है जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है।
पानी का दबाव नहीं झेल पाया बांध
जानकारों का कहना है कि जल भराव क्षमता से ज्यादा पानी आने से बांध पानी का दबाव झेल नहीं पाया। आउटलेट से रिसाव से हुई शुरूआत इस रूप में सामने आई कि डेम में भरा करोड़ों लीटर पानी बाहर निकला और रेगिस्तानी इलाके में हालात खराब कर दिए। इसके बाद पूरे डेम में दरार आ गई है। क्षतिग्रस्त डेम में शेष बचे पानी को पास ही बने दूसरे डेम में स्थानांतरिक किया जा रहा है।
17 घंटे अंधेरे में डूबा रहा अलसीसर
बिजलीघर में पानी भरने तथा बड़ी संख्या में पोल गिरने के कारण पूरे मलसीसर में शनिवार दोपहर बाद से बिजली नहीं है। अलसीसर कस्बे में 17 घंटे बाद बिजली बहाल कर दी गई है। 50 से अधिक गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है।
धारा 366, 427 के तहत मामला दर्ज
तारानगर हैड पर जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता सुरेश कुमार की ओर से नार्गाजुना कंस्ट्रक्शन कंपनी (सनसीसी) के प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। उसमें कहा गया है कि उनकी लापरवाही से डेम टूटा और हजारों लोगों की जान और माल को खतरा पैदा हो गया। एफआईआर में भादंसं की धारा 336, 427 के तहत मामला दर्ज कराया है। धारा 336 में जान और माल के नुकसान की आशंका तथा 427 में आर्थिक नुकसान की बात है।
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