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एज्यूकेशन हब कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेले का शुभारंभ हो चुका है। 124वें दशहरा मेले की शुरुआत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुई। गोरबंद की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने शहरवासियों का मन मोह लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने ध्वजरोहण कर मेले की विधिवत घोषणा की। मेले में दोपहर को किशोरपुरा स्थित रियासतकालीन आशापुरा माता मंदिर में दुर्गापूजन कर माता को चुनरी चढ़ाई गई। गुरुवार को शुरू हुआ यह मेला  16 अक्टूबर तक चलेगा। मेले का उद्घाटन करते हुए प्रभुलाल सैनी ने कहा कि ये सिर्फ मेला ही नहीं बल्कि कोटा की संस्कृति है। यह मेला देशभर में दशहरा मेले के रूप में खास पहचान रखता है।

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सांसद बिरला ने की अध्यक्षता: मेले की अध्यक्षता कर रहे सांसद ओम बिरला ने कहा कि मेले सांस्कृतिक आदान-प्रदान का हिस्सा रहे हैं। बिरला ने दशहरा मैदान की तारीफ करते हुए  आगे कहा कि कोटा जैसा विशाल दशहरा मैदान देश में कहीं भी नहीं है। आने वाले समय में कोटा के दशहरा मेले को एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहले रावण मारने के बाद लोग तीन दिन तक यहां ठहरते थे और अहंकार को मारते थे। अब समय के बदलने के साथ-साथ मेले का स्वरूप भी बदल गया है।

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कार्यक्रम में ये भी रहे शामिल: उद्घाटन के अवसर पर विधायक भवानी सिंह राजावत, विद्याशंकर नंदवाना, चंद्रकांता मेघवाल, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष आर.के. मेहता, शहर भाजपा अध्यक्ष हेमंत विजय और नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका सहित कई नेता और स्थानीय कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस मौके पर मेला अधिकारी नरेश मालव, आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल और उपायुक्त राजेश डागा भी उपस्थित रहे। बता दें कि उद्घाटन कार्यक्रम निर्धारित समय से एक घंटे देरी से शुरू हो पाया। मेला अगले 26 दिन तक चलेगा।