जयपुर। इस समय पूरी दुनिया महामारी कोरोना वायरस से जूझ रही है। इस बीच में प्रदेश के उदयपुर जिले एक दुर्लभ बीमारी का मामला सामने आया है। उदयपुर के जीबीएच जनरल अस्पताल में एक महिला में कीम्यूरा नाम की बीमारी की पहचान हुई है। डॉक्टरों के अनुसार यह राजस्थान का पहला मामला हो सकता है। क्योंकि 1937 से अब तक महज 200 मरीजों में ही यह बीमारी मिली है।
अब पूरी तरह स्वस्थ है महिला
जीबीएच जनरल अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला का इलाज किया है। महिला अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। इसके साथ ही उसे अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है. कीम्यूरा डिजीज में गले और चेहरे पर सूजन तथा गठान हो जाती है। जीबीएच जनरल अस्पताल की ओपीडी में इस महिला को लेकर उसके परिजन पहुंचे थे। ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि डॉ. वीरेन्द्र गोयल ने मरीज को देखकर परिजनों को उसके चेहरे और गले में सूजन तथा गले में गठान की जानकारी दी थी। उसके बाद महिला को भर्ती किया गया और गठान से द्रव्य लेकर उसकी जांच करायी गयी तो कीम्यूरा बीमारी डिटेक्ट हुई।
साल 1937 में मिला था पहला मरीज
डॉ. वीरेन्द्र गोयल का कहना है कि इस बीमारी का पहला रोगी 1937 में मिला था। उसके बाद से अब तक पूरे विश्व में इसके महज 200 रोगी पाये गये हैं। चिकित्सकों के अनुसार यह बीमारी पुरुषों में ज्यादा पाई गई है। महिलाओं में इसकी पुष्टि बहुत कम हुई है।
डब्ल्यूएचओ को लिखा पत्र
अब अस्पताल प्रबंधन ने इस महिला के रोग के लक्षण और इलाज के तरीके को मेडिकल जनरल में प्रकाशन के लिये भेजा है। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ को भी केस रजिस्टर्ड करने के लिये पत्र लिखा है। इस महिला का इलाज डॉ. वीरेंद्र गोयल के नेतृत्व में डॉ. जीतेष अग्रवाल, डॉ. हरबीर छाबड़ा और मेडिसिन विभाग की टीम ने किया।