राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को खासाकोठी मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि इस मामले में प्रर्याप्त सबूत नहीं है। इससे पहले हाईकोर्ट ने भी इस मामले में दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में क्लोजर रिपोर्ट पहले ही दाखिल हो चुकी है, लिहाजा नए आदेश जारी करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने खासकोठी प्रकरण में सीबीआई जांच से भी इंकार कर दिया है। इस मामले में सीएम राजे के साथ ओएसडी धीरेन्द्र कमठान पर भी आरोप लगाए गए थे।
क्या है खासाकोठी प्रकरण? यह मामला 2005 में शुरू हुआ था। उस समय वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी। खासाकोठी से सीएम आवास के लिए गए ईरानी शैली के 8 बेशकीमती कालीन गायब हो गए थे। इन कालीनों की कीमत 200 से 250 करोड़ के बीच मानी जाती है। ये कालीन करीब 150 साल पुराने बताए जाते हैं। इस मामलें में पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर सत्येंद्र कुमार द्वारा 6 नवंबर, 2009 को अशोक नगर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
उपचुनाव से पहले कांग्रेस को लगा झटका: कालीन गायब होने के मामले में कांग्रेस नेता रामसिंह कस्वां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। विपक्षी दल ने खासाकोठी से कालीन चोरी होने के आरोप लगाए थे। विपक्ष ने इस बहाने सीएमओ पर निशाना साधा था। लेकिन अब उपचुनाव से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से विपक्ष को करारा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केस दर्ज कर सीबीआई जांच से इंकार कर दिया है। कांग्रेस नेता ने कालीन चोरी मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट में रामसिंह कस्वां की याचिका खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी याचिका खारिज हो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस को जल्द ही राज्य में तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में इस बात को मुद्दा बनाने का मौका नहीं मिलेगा।