जयपुर। राजस्थान के झुंझुनूं जिले के एक गांव में रहने वाले किसान के बेटा ने संघर्ष से बड़ा मुकाम हासिल किया है। मां-बाप ने खेती की और बच्चे को अच्छे संस्थानों में शिक्षा दिलवाई। सीकर के मैट्रिक्स कोचिंग के स्टूडेंट सौरभ कुल्हरी को अमेजन कंपनी के लंदन ऑफिस में 1.06 करोड़ के सालाना पैकेज में सॉफ्टवेयर डेवलपर पद पर नौकरी मिली है। इसके पहले भी एपीटी पोर्टफोलियो कंपनी में 50 लाख का पैकेज मिल चुका है। सौरभ कुल्हरी मूल रूप से झुंझुनू जिले के रहने वाले है। उसके मम्मी-पापा खेती का काम करते है।

परिवार की आर्थिक स्थिति थी कमजोर
सौरभ कुल्हरी ने बताया कि प्रारंभिक स्कूली पढ़ाई उन्होंने अपने गांव मलसीसर में ही पूरी की। खेती का काम करने वाले मम्मी-पापा चंद्रकला देवी और राजेश ने अच्छी एजुकेशन के लिए झुंझुनू की एक स्कूल में कराया। 10वीं क्लास पास करने के बाद उसका एडमिशन सीकर की मैट्रिक्स कोचिंग में करवाया। सौरभ ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने क बाद भी मम्मी-पापा ने दिनरात मेहनत कर मुझे अच्छी एजुकेशन दिलवाई।

दादी ने भी किया सपोर्ट
एक इंटरव्यू में सौरभ ने बताया कि जब वे 10वीं में थे उसी वक्त बुआ की दो बेटियां सीकर में आकर आईआईटी और नीट की तैयारियां करने लगी। ऐसे में मम्मी-पापा ने मुझे भी आईआईटी करवाने का निश्चय किया। 10वीं पास करते ही मुझे पढ़ने के लिए सीकर में भेज दिया। मेरे साथ मेरी दादी मनकोरी देवी भी दो साल रही। वह मेरे और खुद के सारे काम समय पर पूरे करती थीं। इसके बाद उनका चयन आईआईटी कानपुर में हुआ। आईआईटी में मेरा यह आखिरी साल है।

अमेजन में मीटिंग से पहले हुआ डेंगू
अमेजन में इंटरव्यू से पहले सौरभ को डेंगू हो गया। डॉक्टर ने उनको फुल रेस्ट करने के लिए कहा था। करीब 20 दिन तक पूरी तरह से बेड रेस्ट किया। इस दौरान प्लेटलेट्स भी 64 हजार तक पहुंच गई। 28 नवंबर की शाम अमेजन कंपनी से इंटरव्यू का मेल आया। इंटरव्यू 2 दिसंबर को होना था। इंटरव्यू देने के बाद कंपनी ने 1 करोड़ का ऑफर दिया और उन्होंने हामी भर दी।