राजस्थान की गुलाबी नगरी में 24जनवरी से साहित्य का महाकुंभ माने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में दुनियाभर के लेखक, कवि, चिंतक, विचारक, गीतकार, राजनेता, खेल व व्यवसाय जगत से जुड़ी मशहूर हस्तियां अपनी बेबाक राय देने के लिए राजधानी जयपुर में जुट चुके हैं। बड़ी संख्या में युवा, महिला, बुढ्ढे सहित सभी उम्र के लोग इन्हें सुनने के लिए बड़ी तादाद में डिग्गी पैलेस पहुंच रहे हैं। लेकिन इन सबके इतर हम आज उस युवा पीढ़ी की बात करेंगे जो साहित्य के इस उत्सव में एक दूसरे का हाथ थामे बरबस ही नजर आ जाते हैं।
ये जवां दिल सब कुछ भूलकर इस सर्द गुलाबी शाम में हजारों की भीड़ में भी अपने लिए ‘सुकून’ ढूंढ ही लेते हैं। शायद इसलिए साहित्य में रूचि नहीं रखने वाले लोग भी बड़ी तादाद में यहां पहुंचते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि साहित्यिक मेले में केवल जवां दिल ही आपको नजर आते हैं। बल्कि, सभी उम्रवर्ग के लोग यहां अपनी महबूब और महबूबा के साथ—साथ चलते हुए दिखाई पड़ते हैं।
28जनवरी तक चलने वाले इस साहित्य उत्सव में दुनियाभर के 350 से अधिक वक्ता करीब 200 से ज्यादा सत्रों के जरिए अपनी बात रखेंगे। पांच दिवसीय मेले का आरंभ गुरुवार 24जनवरी से हो चुका है। पहले ही दिन हजारों लोगों की उपस्थिति ने इसे गुलजार कर दिया। इस साल आयोजित होने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 12वां साहित्य मेला है। एक दशक से ज्यादा समय में लिटरेचर फेस्टिवल करीब 2000 वक्ताओं की मेजबानी सहित देश और दुनियाभर के लाखों पुस्तक-प्रेमियों का स्वागत कर चुका है। एक बार फिर से साहित्य का ये मजमा, राजस्थान की पृष्ठभूमि में, सांस्कृतिक विरासत को सहेजे, डिग्गी पैलेस में सज चुका है।