जयपुर। राजस्थान में फिर से बिजली कटौती शुरू होगी। दीपावली का त्योहार गुजरने के बाद फिर से बिजली की डिमांड बढ़ गई है। इंडस्ट्रीज और फैक्ट्रियां अब वापस खुल गई हैं। गांवों, शहरों, कस्बों में अपने-अपने घर-परिवार के साथ त्योहार की छुट्टियां बिताने गए कर्मचारी और लेबर फिर से काम पर लौटने लगे हैं। खेत-खलिहानों में भी नवंबर से फरवरी तक रबी का फसली सीजन आ गया है। इसलिए सिंचाई के लिए पम्प, ट्यूबवेल-मोटर चलाने के लिए बिजली की जरूरत पड़ने लगी है। रबी सीजन के दौरान बिजली की अधिकतम डिमांड 16500 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। घरेलू कनेक्शनों में भी पानी गर्म करने, नहाने-धोने के लिए पावर कंजम्पशन करने वाले गीजर का इस्तेमाल शुरू हो गया है। इसलिए बिजली डिस्कॉम ने त्योहारी सीजन के तुरंत बाद बिजली मैनेजमेंट की प्लानिंग शुरू कर दी है।

प्रतिदिन 12500 मेगावाट का लोड
दीपावली के तुरंत बाद प्रतिदिन बिजली का पीक लोड करीब 12500 मेगावाट पहुंच गया है। जबकि बिजली की उपलब्धता करीब 10500 मेगावाट के बीच है। करीब 2000 मेगावाट बिजली अधिकतम डिमांड से कम है। बिजली कंपनियां घोषित-अघोषित रूप से फिर से नवंबर की शुरुआत से बिजली कटौती शुरु कर सकती हैं।

रोजाना 4—4 घंटे की कटौती
गांव-कस्बों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी बिजली कटौती की शुरुआत की जा सकती है। अघोषित पावर कट, लोड शेडिंग और अनप्लांड शटडाउन के नाम पर 1 से 2 घंटे का पावर कट हो सकता है। दीपावली से दो दिन पहले तक मेंटीनेंस के नाम पर और अघोषित रूप से 4-4 घंटे की बिजली कटौती रोजाना अलग-अलग इलाकों में हो रही थी।

21 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त सरचार्ज
दीपावली का पर्व निकलते ही बिजली के बिल में फ्यूल सरचार्ज बढ़ा दिया गया है। बिजली उपभोक्ताओं से अब बिजली विभाग बिल में 21 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त सरचार्ज वसूलेगा। केवल कृषि कनेक्शन वाले 15 लाख 70 हजार बिजली उपभोक्ताओं को इससे दूर रखा गया है। बाकी प्रदेश के सभी 1 करोड़ 31 लाख 30 हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं से इस अतिरिक्त सरचार्ज की वसूली की जाएगी।

कृषि कनेक्शन उपभोक्ताओं को राहत
हालांकि कृषि कनेक्शन वाले बिजली उपभोक्ताओं को इससे मुक्त रखा गया है। ऊर्जा विभाग ने कहा है ईंधन महंगा होने, टैक्स और सरचार्ज के रेट में बदलाव और रेल और मालभाड़े में बढ़ोतरी के कारण बिजली के दाम भी बढ़ाने पड़े हैं।

बिजली-घरों में 2427 MW कैपेसिटी की 10 यूनिट बंद
प्रदेश के अलग-अलग बिजली घरों में 2427 मेगावाट कैपेसिटी की 10 यूनिट बंद हैं। जो पावर प्रोडक्शन करती हैं। यह भी बिजली संकट का बड़ा कारण बना हुआ है। सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन की 1, 3, 5 और 6 नम्बर की 250-250 मेगावाट की चार यूनिट ठप पड़ी हैं। इनमें से तीन यूनिट एक-एक कर 15, 16 और 20 अक्टूबर को बंद हुई हैं। सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की 660 मेगावाट की 8 नम्बर यूनिट भी 16 अक्टूबर से ठप है। कोटा थर्मल की 3 नम्बर की 210 मेगावाट यूनिट 8 अगस्त से ही बंद चल रही है। छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की 3 नम्बर की 250 मेगावाट यूनिट 24 अक्टूबर से बंद है।