जयपुर। राजस्थान में बीते कुछ सालों अलग अलग समाज के समुदाय सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग कर रहे है। माली सहित कई समाजों के लोगों ने नेशनल हाईवे-21 को तीसरे दिन भी बंद रखा। इससे जयपुर-आगरा सड़क पर लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, आंदोलनकारियों से वार्ता के लिए सरकार की ओर से अधिकृत पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह नाराज दिखे। उनका कहना है कि कोई भी वार्ताकार उनसे बात करने नहीं पहुंचा, जबकि वे संभागीय आयुक्त के साथ उनका दिनभर इंतजार करते रहे। वहीं, प्रशासन ने कई क्षेत्रों जारी नेटबंदी को 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया है।

राजस्थान में चक्का जाम का ऐलान
आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल कुशवाह का कहना है कि सरकार की तरफ से वार्ता का न्योता ही नहीं मिला, कमेटी के 10 लोगों के नाम की लिस्ट दे चुके हैं। वे बोले कि हमारे युवाओं को नौकरी से बर्खास्त करने की धमकियां दी जा रही हैं। सरकार बात करने के लिए तैयार न हुई तो पूरे राजस्थान में चक्का जाम का ऐलान कर देंगे।

हाईवे पर सैकड़ों की संख्या में लोग
भरतपुर के अरौदा गांव से निकल रहे नेशनल हाईवे-21 पर माली, सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज का जाम कर रखा है। बुधवार को हाईवे पर टेंट लगाकर सैकड़ों की संख्या लोग यहां बैठे रहे। नेशनल हाईवे 21 ब्लॉक करने को लेकर प्रशासन की तरफ से लखनपुर थाने में 60 आंदोलनकारियों व 15 सौ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। स्थिति को देखते हुए संभागीय आयुक्त सांवर मल वर्मा ने भरतपुर की चार तहसीलों में इंटरनेट बंदी को अगले 24 घंटों के लिए बढ़ा दिया है।

नेटबंदी बुधवार सुबह तक के लिए बढ़ी
भरतपुर की नदबई ,वैर, भुसावर और उच्चैन तहसीलों में 13 जून को इंटरनेट सेवा बंद की थी, जिसे 14 जून से बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया है। अब बुधवार सुबह 11 बजे तक इन चार तहसीलों में नेटबंदी रहेगी।