जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस का विस्फोट जारी है। पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मरीजों में हुई बेतहाशा वृद्धि के कारण स्वास्थ्य महकमे में हडकंप मचा हुआ है। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नए पॉजिटिव मरीजों की संख्या 300 पार रही। मंगलवार को प्रदेश में 338 पॉजिटिव आए जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। इनमें 232 प्रवासी शामिल हैं। प्रदेश में कोरोना से पांच मौत भी दर्ज की गई है। मात्र 7 दिन में प्रदेश में 1719 रोगी बढ़ गए, जो 42% वृद्धि है। इनमें से 888 प्रवासी राजस्थानी हैं। यदि प्रवासी नहीं आते और संक्रमण नहीं फैलता तो अभी राजस्थान में कुल रोगी 5845 की जगह 4957 ही होते। राज्य में इस वायरस से मरने वालों की संख्या 143 हो गयी है।
डूंगरपुर व पाली में सर्वाधिक
प्रदेश में मंगलवार को डूंगरपुर व पाली में कोरोना का कोहराम रहा। डूंगरपुर में पिछले दिनों से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंगलवार को डूंगरपुर में 87 तथा पाली में 77 नए कोरोना पॉजिटिव सामने आए।
जयपुर-कोटा छोड़ सभी 31 जिलों में पहुंचे प्रवासी
अब तक जयपुर और कोटा मेंं एक भी प्रवासी नहीं पहुंचा है। गत 15 दिन में बाकी सभी 31 जिलों में प्रवासी पहुंच चुके हैं। हालांकि, छह जिलों में 1-1 प्रवासी ही पहुंचा है। ये जिले हैं- सवाई माधोपुर, टोंक, करौली, हनुमानगढ़, चित्तौड़ और बीकानेर।
प्रदेश में यहां आए पॉजिटिव
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार डूंगरपुर में 87, पाली में 77, अजमेर में 3, अलवर में 1, बाड़मेर में 17, भीलवाड़ में 2, बीकानेर में 12, चित्तौड़गढ़ में 1, चूरू में 1, दौसा में 1, धौलपुर 1, जयपुर में 17, झालावाड़ में 1, झुंझुनूं में 2, जोधपुर में 39, कोटा में 5, नागौर में 22, प्रतापगढ़ में 2, सीकर में 7, सिरोही में 17, टोंक में 5 व उदयपुर में 16 नए कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं।
कॉपियां जांचने के लिए तैयार नहीं हो रहे शिक्षक
राजस्थान यूनिवर्सिटी में कोरोना संकट के कारण यूजी और पीजी की कई परीक्षाएं अटक गई थी। लिहाजा अब यूनिवर्सिटी प्रशासन इन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर चिंतित दिखाई दे रहा है। जबकि लॉकडाउन से पहले संपन्न हो चुकी परीक्षाओं की आंसर शीट जांचने को लेकर शिक्षकों के तैयार नहीं होने के कारण बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने परीक्षाओं के बाद से ही इन उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 50 से ज्यादा शिक्षकों से उनकी स्वीकृति मांगी थी। इसमें से आधे से भी कम लोगों ने रुचि दिखाई है।