सोशल मीडिया पर एक आईएएस अफ़सर की ख़ूब तारीफ़ हो रही है। दरअसल महाराष्ट्र के बीड़ जिले में तैनात कलेक्टर आस्तिक पांडे जी अपने कार्यालय में प्लास्टिक का इस्तेमाल होते हुए देखा तो ख़ुद पर ही 5000 रुपये का जुर्माना ठोक दिया।
क्या है आईएएस अफ़सर से जुड़ा पूरा मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार शाम को जिला प्रशासन मे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी। इसी दौरान कॉन्फ्रेंस में मौजूद पत्रकारों को प्लास्टिक के कप में चाय दी गई। ऐसे में एक पत्रकार ने आईएएस अफ़सर को बताया कि यह प्लास्टिक बैन का उल्लंघन है। इसके बाद कलेक्टर आस्तिक पांड ने ना सिर्फ अपनी गलती मानी, बल्कि खुद पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पहले भी हो चुका है ऐसा की कारनामा
इतना ही नहीं, आईएएस अफ़सर ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद ऑफिस के अधिकारियों को फटकार लगाई। कथिततौर पर पिछले 8 दिनों में इस तरह का यह दूसरा मामला है। हाल ही, एक प्रत्याशी नामांकन के लिए डिपॉजिट राशि (सिक्के) प्लास्टिक के थैले में भरकर लाया था, जिसके बाद उस पर 5 हजार का जुर्माना लगाया गया।
आईएएस अफ़सर ने बताया कि बैन है सिंगल-यूज प्लास्टिक
देशभर में सिंगल-यूज प्लास्टिग पर बैन है। इसके तहत देश के सभी सरकारी दफ्तरों में भी सिंगल-यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया होना चाहिए। यही वजह है कि आईएएस अफ़सर आस्तिक पांड ने सरकार के फैसले को मानते हुए अपनी गलती को माना और खुद पर फाइन लगाया। दरअसल, प्लास्टिक धरती के लिए खतरा बनता जा रहा है। इसलिए दुनियाभर में इसके इस्तेमाल में कमी लाई जा रही है।
देश का हर सरकारी अफ़सर ऐसी समझदारी दिखाये तो क्या बात होगी
वैसे जो काम हमारे पांडे जी ने किया है। वही काम अगर देश का प्रत्येक सरकारी कर्मचारी करने लग जाये। तो ये देश कितनी तेजी से सुधर सकता है। इसका अंदाज़ा हम सब लगा सकते हैं। क्योंकि सरकार जनता पर तो पाबंदियां लगा देती हैं। लेकिन ख़ुद सरकारी अधिकारी ही उन नियमों का पालन नहीं करते। जैसे अभी हाल ही में लागू किये गये नये मोटर वाहन नियम के तहत अधिकारी जनता से तो जुर्माना वसूल रहे हैं। लेकिन क्या ख़ुद उन नियमों की पालना कर रहे हैं। और क्या पकड़े जाने पर जुर्माना भर रहे हैं या नहीं!