राजस्थान का होम्योपैथी चिकित्सा बोर्ड अब प्रदेशभर के 8 हजार चिकित्सकों का वेरिफिकेशन करवाने जा रहा है। बोर्ड ने यह फैसला एक डॉक्टर का जीव, मृत्यु के बाद भी 4 बार लाइसेंस रिन्यु होने की ख़बर मीडिया में आने के बाद किया है। एक डॉक्टर की मृत्यु के 12 साल बाद भी डॉक्टर का लाइसेंस हर तीन साल में रिन्यु हो रहा था। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि होम्योपैैथी बोर्ड ने 2019 तक का रजिस्ट्रेशन रिन्यु कर रखा था। मीडिया में मामला आने के बाद सरकार की ओर से जांच कमेटी गठित की गई थी। जांच कमेटी ने भी रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा होना स्वीकार किया है। इसके बाद बोर्ड ने तुरंत एक्शन लेते हुए मृत डॉक्टर कैलाश शंकर का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इस मामलें में अब जांच इस बात की हो रही है कि इस अपराध को करने वाले व्यक्ति कौन है? जांच के पूरा हो जाने के बाद संबंधित व्यक्ति पर केस भी दर्ज किया जाएगा।
गड़बडी मिली तो होंगे रजिस्ट्रेशन निरस्त: अब होम्योपैथी बोर्ड जल्द ही अलग-अलग चरणों में डॉक्टर्स के स्लॉट तय कर उनके दस्तावेजों की पड़ताल करेगा। किसी डॉक्टर के दस्तावेजों में हेरफेर मिला तो उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही अब नया रजिस्ट्रेशन भी तब होगा जब संबंधित डॉक्टर भी बोर्ड में खुद हाजिर होगा। होम्योपैथी चिकित्सा बोर्ड की रजिस्ट्रार डॉ. मनीषा सक्सेना ने कहा कि मृत डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन तत्काल निरस्त कर दिया गया है। अब सभी रजिस्टर्ड डॉक्टर्स का वेरिफिकेशन किया जाएगा। ताकि किसी भी लेवल पर फर्जीवाडा की कोई भी संभावना न रहें।