देखिये ऐसा है, हम सरकार को चुनते हैं। ताकि वो विपरीत परिस्थितियों में हमारे साथ खड़ी हो। मगर हमारी पुरानी लेकिन हाल ही कि नयी सरकार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार है। जो कहने को तो अपने आपको किसान की हितैषी बुलाती है। लेकिन इस सरकार को आम जनता की भी कोई फ़िक्र नहीं है।
तभी तो मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में। मंगलवार रात तेज आंधी और बारिश ने बड़ी तबाही मचाई। बिजली गिरने से दोनों राज्यों के अलग-अलग इलाकों में लगभग 35-40 लोगों के मौत की खबर है। बारिश और तूफान की से हुए जानमाल के नुकसान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए दुख जताया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान भी किया। कई जगहों पर ओले पड़ने से खेतों में फसल भी खराब हो गई। खेतों में खड़ी और कटी फसलों के अलावा। मंडियों में खरीद के बाद खुले में रखा हज़ारों क्विंटल गेहूं के साथ साथ बहुत सारी अन्य फ़सलें भी ख़राब गो गयी। मौसम विभाग के अनुसार। अगले दो दिनों में उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी मप्र में आंधी के साथ ही हल्की बारिश की स्थिति बन सकती है। भोपाल में भी फिर से बूंदाबांदी हो सकती है।

राजस्थान में तेज आंधी और बारिश की वजह से 6 लोगों के मौत की खबर है। यहां मंगलवार को मौसम खुशनुमा रहा, लेकिन शाम तक धूलभरी आंधी, तेज बारिश व बिजली की वजह से 6 लोगों की मौत हुई।
झालावाड़ में चार बच्‍चों और उदयपुर में दो युवकों के मौत की पुष्टि हुई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बुधवार को भी पश्चिमी और पूर्वी राजस्‍थान में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। आंधी-तूफान से मध्‍य प्रदेश में कम से कम 16 लोगों के मौत और कई लोगों के घायल होने की सूचना आ रही है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बारिश और बिजली गिरने से इंदौर में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। उधर, मौसम विभाग ने यूपी और राजस्थान में अगले 24 घंटे में आंधी और तूफान की भविष्यवाणी की है।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं। जिन्हें जनता पर क़ुदरत के इस कदर काफ़ी तकलीफ़ हुई है। उन्होंने ट्वीट कर इसके बारे में गहरा दुःख व्यक्त किया। क़ुदरत की अनदेखी से ज़्यादा तो उन्हें ज़िम्मेदारों की अनदेखी का है। जिस राज्य और जनता को उन्होंने पाँच साल तक अपने परिवार की तरह रखा उसकी ऐसी अनदेखी…!

किसानों की फसल तबाह हो गई, मंडियों में रखी धान की बोरियां पानी से भर गई। अन्नदाता की आंख में आंसू है, सरकार से रहम की उम्मीदें हैं। मोदी सरकार ने तो इसके लिए सहायता राशि की घोषणा भी कर दी। लेकिन दुःख इस बात का है कि सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केवल मोदी का राग अलाप रहे हैं।

प्रदेश के प्रथम व्यकित और जादूगर और द्वितीय समझदार व्यक्ति। क्रमशः अशोक गहलोत और सचिन पायलट के ना तो मुँह से और ना ही कहीं और से। यहां कही और से हमारा मतलब मीडिया है। एक भी शब्द किसानों के संबंध में अभी तक तो नहीं निकला। ये किसान कथित हितैषी कांग्रेस सरकार का जनता के प्रति प्रगाढ़ प्रेम नहीं तो और क्या है…?