अपने पर्यटकों के मन को लुभाने के लिए राजस्थान राज्य का पर्यटन विभाग हमेशा से कुछ अच्छा और नवीन रचनात्मक कार्य करता रहा है। इस नए विचारों के अनुप्रयोगों की कड़ी में अब राजधानी जयपुर की शान कहे जाने वाले स्मारक हवामहल को भी जोड़ा गया है। अपने जागरूक प्रशासन और उन्नत व्यवस्था से राजस्थान सरकार हरदम अपने पर्यटकों को हर सुविधा पहुंचाने का काम करती है। इसी के साथ अब प्रदेश सरकार का पर्यटन विभाग अपने यहाँ आने वाले छोटे नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए भी कदम उठाने जा रही है। अपने माता-पिता के साथ आकर्षक खिड़कियों के महल ”हवामहल” स्मारक में आने वाले नन्हें पर्यटकों का ख्याल करने की कवायद राज्य पर्यटन विभाग द्वारा जल्द शुरू की जाएगी। इसके लिए हवामहल में पर्यटन विभाग छोटे दूधमुंहे बच्चों के लिए बेबी फीडिंग रूम बनाने पर काम कर रही है। इस सुविधा के बाद हवामहल घूमने वाले नन्हें पर्यटकों को यदि भूख लगती है तो उनकी माँ उन्हें स्मारक के अंदर बन रहे बेबी फीडिंग रूम में दूध पिला सकेंगी।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सुझावों पर रचनात्मक हो रहा है, राजस्थान पर्यटन विभाग:
पिछले तीन सालों के दौरान राजस्थान पर्यटन विभाग उत्तरोत्तर तरक्की कर रहा है। अपने मेहमानों की यादगार मेज़बानी कर हमारा पर्यटन विभाग राज्य को अच्छा राजस्व दे रहा है। पर्यटन विभाग में आये इस सकारात्मक बदलाव का कारण मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उन्नत सोच और कार्यप्रणाली रही है। मुख्यमंत्री राजे के सुझावों पर राज्य के पर्यटन विभाग ने प्रदेश के किलों और महलों में नई-नई पहल की हैं। इससे पर्यटक जब हमारी धरोहर में घूमने आते है तो उन्हें कुछ नया प्रयोग देखने को मिलते हैं। मुख्यमंत्री के सुझाव पर सरकार के प्रयास से प्रसिद्ध नाहरगढ़ फोर्ट में वैक्स म्यूजियम, राजधानी की शान आमेर महल में सेगवे स्कूटर और अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में एटीएम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे पर्यटकों के लिए आसानी में बढ़ोतरी हुई है।
इस नवाचार को अपनाने वाला प्रदेश का पहला स्मारक होगा:
सरकार के प्रयास से हमारे पर्यटन विभाग द्वारा हवामहल में स्थापित किया जाने वाला बेबी फीडिंग रूम अभी तक प्रदेश के किसी भी स्मारक में स्थापित नहीं किया गया है। यह राज्य में अपने आप में पहला प्रयोग होगा। राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक हृदेश कुमार शर्मा ने बताया कि बेबी फीडिंग रूम में छोटे बच्चों को दूध पिलाने के साथ ही बच्चों के खेलने के लिए खिलौनों की व्यवस्था भी की जाएगी। ताकि कोई छोटा बच्चा रोए तो इन खिलौनों से खेलकर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान आ सके।