जयपुर। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आंच अभी ठंडी नहीं हुई है। लगातार चौथे दिन गुर्जर समाज के प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर डेरा डाले हुए हैं। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रैक पर पांचवे दिन भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला समर्थकों का कब्जा बना रहा। जिसके कारण करौली-भरतपुर जिले में पिछले 6 दिनों से इंटरनेट बंद पड़ा है। इसके साथ सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर की 5 तहसील और अलवर में कुछ जगह इंटरनेट बंद है। जिसके कारण स्टूडेंट्स और वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रह है। वहीं, रेलमार्ग भी 4 दिन से बंद है। साथ ही रोडवेज के हिंडौन, करौली डिपो पर बसें भी नहीं चल पा रही हैं।
आईजी और कलेक्टर से बयाना में की मुलाकात
दूसरी ओर, बयाना में कैंप के दौरान बुधवार शाम को गुर्जर समाज के पंच-पटेलों ने जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और आईजी संजीव नार्जरी से मुलाकात करके सरकार द्वारा 14 बिंदुओं पर किए गए समझौते को समाज हित में बताया। उन्होंने गुर्जरों के सर्वमान्य मुखिया कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से आंदोलन को समाप्त कर रेलवे ट्रैक खाली करने की अपील भी की।
पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ी
इधर, आंदोलन के चलते पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। आंदोलन को खत्म कराने और बातचीत का सेतु बनाने के लिए राज्य सरकार ने नीरज के. पवन को जिम्मेदारी सौंप रखी है। इसके कारण वे मंगलवार से क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। आंदोलन के कारण दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पिछले चार दिन से बाधित है। पूर्वी राजस्थान में करौली और हिंडौन समेत कई स्थानों से रोडवेज बसों के भी पहिये थमे हुए हैं।
सम्मान के लिए जान दे सकते हैं : विजय बैंसला
पवन पीलूपुरा पहुंचे और आंदोलनकारियों से बातचीत की। पवन ने आंदोलनकारियों को बताया कि वे सभी बिंदुओं पर सरकार का पक्ष लेकर आए हैं। वहीं आंदोलनकारियों के साथ पटरी पर पड़ाव डाले बैठे कर्नल बैसला के पुत्र विजय बैंसला बोले कि हमने कागजी समझौता नहीं किया था। बकौल विजय बैंसला हम जानना चाहते हैं सरकर सम्मान कर रही है या फिर तिरस्कार। सम्मान के लिए जान दे सकते हैं। 1252 भर्तियों के ऑर्डर चाहिए अभी। एलडीसी, नर्सिंग और रीट की नौकरियों का क्या किया? इसका जवाब चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होंगी तब तक वे यहां नहीं हटेंगे।
भीलवाड़ा-पाली तक पहुंची गुर्जर आंदोलन की आग
प्रदेश के विभिन्न अंचलों से बैकलाॅग में भर्तियों सहित 5 सूत्रीय मांगों को लेकर एक नवंबर से चल रहा गुर्जरों का आंदोलन बुधवार को भी जारी रहा। 4 दिन बाद भी सरकार और गुर्जरों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका। बल्कि अब आंदोलन की आग प्रदेश के दूसरे हिस्सों तक पहुंच गई। पाली, भीलवाड़ा और बूंदी में भी गुर्जरों ने प्रदर्शन किए।