राजस्थान विधानसभा चुनावों के दौरान एक मुद्दा जो सबसे ज्यादा प्रचलन में रहा, वो है किसान कर्जमाफी। चुनावों से पहले वसुंधरा सरकार ने जहां 50-50 हजार रुपये का ऋण माफ कर सुर्खियां बटोरी। वहीं 2 लाख रुपये का लोन माफ करने का वादा कर सत्ता हथियाने वाली कांग्रेस सरकार की तरफ से आदेश जारी करने के अलावा अभी तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है।
कर्जमाफी को लेकर भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मीडिया से मुंह छिपाते फिर रहे हो। लेकिन डूंगरपुर, बांसवाड़ा सहित कई जिलों में ऋण माफी के नाम पर गड़बड़ियां सामने आई है। किसानों का कहना है कि सूची में कई ऐसे लोगों का नाम शामिल है, जिन्होंने लोन लिया ही नहीं। डूंगरपुर जिले के गोवाडी, नांदोर, जेठाना सहित कई ऐसे गांव है जहां के करीब 500-500 लोगों के नाम सूची में शामिल है।
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मामले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी का कहना है कि कर्जमाफी में अनियमितता की जांच होनी चाहिए। साथ ही कोई अधिकारी या फिर नेता इसमें लिप्त पाया जाता है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
Content: OM