आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस महात्मा गांधी सिद्धांतों को भूल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ये विचार “जब मुट्ठी भर नमक ने एक साम्राज्य हिला दिया!” नामक शीर्षक ब्लॉग में व्यक्त किये। पीएम ने ये भी लिखा कि कांग्रेस गांधीवादी संस्कृति की विरोधी है। अपने ब्लॉग में, पीएम ने कांग्रेस पार्टी पर धार्मिक और जातीय आधार पर देश को बांटने और वंशवाद की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। आज दांडी नमक यात्रा की 89वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए महात्मा गांधी और आंदोलन में उनका साथ देने वालों को श्रृद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने दांडी यात्रा पर कुछ विचार साझा करते हुए, लिखा कि आज कांग्रेस पार्टी बापू के आदर्श और संस्कृति का तिरस्कार कर रही है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कांग्रेस देश को विभाजित कर रही है

घोटालेबाज कांग्रेस
घोटालेबाज कांग्रेस

ब्लॉग में नरेंद्र मोदी जी ने लिखा। गांधी जी असमानता और जातिगत विभाजनों में विश्वास नहीं करते थे। मगर अफ़सोस… कांग्रेस पार्टी ने तो समाज को विभाजित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस के शासन में ही सबसे भयावह जातिगत दंगे और दलित-विरोधी नरसंहार हुए हैं। महात्मा गांधी ने कांग्रेस की विचारधारा को अच्छी तरह से समझा था। “इसीलिए वे कांग्रेस को भंग करना चाहते थे। ख़ासकर 1947 में आज़ादी मिलने के बाद”। नरेंद्र मोदी जी ने कहा, कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। बापू ने भी कहा था, भ्रष्टाचार और कुशासन दोनों साथ-साथ चलते हैं। कांग्रेस और उसके नेता हमेशा भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। कोई भी क्षेत्र देख लो रक्षा, दूरसंचार, सिंचाई, खेल, कृषि, ग्रामीण विकास। हर जगह कांग्रेस ने घोटाले किये। लेकिन भाजपा सरकार ने भी भ्रष्टाचारियों को अच्छा सबक सिखाया है। तभी तो ये लोग आज तिलमिला रहे हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने की सरदार वल्लभ भाई पटेल की जय-जयकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे लिखा। कांग्रेस नेताओं ने सिर्फ़ “अपने बैंक खातों को भरा है। ना तो गरीबों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान की। ना ही आम आदमी की जीवनशैली को बेहतर बनाने के प्रयास किये। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर “वंशवाद” को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। हालांकि महात्मा गांधी ने वंशवादी राजनीति को ख़त्म कर दिया था। जिसका परिणामतः आज महात्मा गांधी के परिवार से कोई भी व्यक्ति राजनीति ने नहीं है। पीएम ने अपने ब्लॉग के लिंक को अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया। पीएम ब्लॉग में महात्मा गांधी द्वारा प्रसिद्ध दांडी मार्च के बारे में भी बात की, जिसने तबके सर्व शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ें हिला दी थीं। प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयजयकार करते हुए कहा। वे दांडी मार्च के हर मिनट के पहलू की योजना बनाने वाले मुख्य व्यक्ति थे।

कांग्रेस ने सिर्फ़ आपातकाल और धारा 356 का दुरुपयोग किया, नरेंद्र मोदी

आपातकाल
आपातकाल

मोदी जी ने इंदिरा गांधी सरकार के आपातकाल का भी ज़िक्र किया। लोकतंत्र में दृढ़ विश्वास रखने वाले बापू ने कहा “मैं लोकतंत्र को एक ऐसी चीज़ समझता हूं, जो कमज़ोर को भी बराबर मौका देती है।” लेकिन ये देश का दुर्भाग्य था। जो कांग्रेस ने देश को आपातकाल दिया। हमारी लोकतांत्रिक भावना को रौंदा गया। कांग्रेस ने कई बार धारा 356 का दुरुपयोग किया। यदि कांग्रेस को एक नेता भी पसंद नहीं आया, तो पूरी सरकार बर्ख़ास्त करदी गयी। वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए तत्पर, कांग्रेस को लोकतांत्रिक मूल्यों की कोई चिंता नहीं। नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के हवाले से कहा। “मुझे यह कहते हुए काफ़ी ख़ेद होता है। कांग्रेसियों ने स्वराज को केवल राजनीतिक के रूप में देखा है। और ये पूर्ण रूप से अपरिहार्य है। बजाय सिर्फ़ भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के। मैं पूरी कांग्रेस को एक सभ्य अंत्येष्टि तक लेकर जाऊंगा।”

बापू के सिद्धांतों पर काम कर रही है, भारतीय जनता पार्टी

अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निष्कर्ष निकाला। “शुक्र है”, आज देश में एक सरकार है, जो “बापू के बताये मार्ग पर काम कर रही है। एक जनशक्ति, जो कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को पूरा कर रही है! हाल ही में हुए पुलवामा हमले के बाद। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला किया है। जिसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी का ये ब्लॉग आया है। लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कांग्रेस के बूथ कार्यकर्ताओं की सभा की। जहाँ राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को पीएम मोदी के ख़िलाफ़ चौतरफा किया। राहुल ने राफेल सौदे, डोकलाम, रोजगार सृजन, राष्ट्रीय सुरक्षा और कथित कृषि संकट जैसे मुद्दों पर कार्यकर्ताओं को भड़काया। साथ ही कहा महात्मा गांधी के भारत और नाथूराम गोडसे के भारत में काफी अंतर है। एक नफ़रत सिखाता है तो दूसरा प्यार, प्रेम।

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