जयपुर। मुफ्त का टीका लगाने से केन्द्र द्वारा इंकार करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को निः शुल्क वैक्सीन लगाए जाने का ऐलान किया है। इसका खर्च राज्य सरकार उठाएगी। वैक्सीन निर्माता कंपनियों को राज्य सरकार ने वैक्सीन के लिए ऑर्डर देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस सरकार ने संकेत दिया है कि कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार कड़े फैसले ले सकती है। धन जुटाने के लिए राज्य सरकार अपनी बजट घोषणाओं में कटौती के साथ-साथ अतिरिक्त कर भी लगा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सामाजिक और विकास कार्यों से जुड़ी घोषणाओं के लिए आवंटित फंड से 3000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे।
3000 करोड़ रुपए की जरूरत है
राजस्थान में तेजी से बेकाबू होते जा रहे कोरोना संक्रमण के हालात को कंट्रोल करने के लिये सरकार ने बड़े कदम उठाये हैं। दो बड़े कंट्रोल रूम स्थापित करने के के साथ ही 3 दिन के भीतर राज्यभर में कोविड अस्पतालों की संख्या 376 कर दी गई है। सरकार ने कोविड मरीजों के लिये निजी अस्पतालों में 40 और 60 प्रतिशत बेड आरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को वैक्सीन की दो डोज लगाने के लिए सरकार को 3000 करोड़ रुपए की जरूरत है। राज्य सरकार का कहना है कि केन्द्र सरकार ने अपने बजट में वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इससे राज्यों में स्पष्ट संदेश गया था कि वैक्सीनेशन का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाएगी।
इन विकास कार्यों पर चल सकती है कैंची
माना जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन के लिए सड़क मार्गों के रिपेयर के कार्य को सरकार स्थगित कर सकती है। इससे सरकार को 1 हजार 900 करोड़ रुपये मिलेंगे। प्रदेश के 64 उपखण्डों में औद्योगिक क्षेत्रों स्थापना सरकार फिलहाल टाल सकती है। जयपुर के सौंदर्यकरण का कार्य पर फिलहाल सरकार रोक सकती है। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में 700 करोड़ रुपए जयपुर शहर के सौंदर्यीकरण पर खर्च करने की घोषणा की थी। 27 राज्य के राजमार्गों के विकास कार्य विलंब से शुरू हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में इन पर आगामी 3 वर्षों में 3880 करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की थी। प्रदेश के बांधों और नदियों के पुनर्निर्माण से जुड़े कार्यों को सरकार रोक सकती है।