राजस्थान सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया है। अब राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग निःशुल्क कर सकेंगे। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की मौजूदगी में सोमवार को प्रदेश के राजकीय विद्यालयों के बच्चों को मेडिकल एवं इंजीनियरिंग प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग कराने के लिए शिक्षा संकुल स्थित सभागार में एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस एम.ओ.यू. पर कोटा स्थित एलन कोचिंग इंस्टिट्यूशन के कारपॉरेट हेड भानूप्रताप सिंह और राज्य सरकार की ओर से माध्यमिक शिक्षा परिषद की आयुक्त आनंदी ने हस्ताक्षर किए।
गरीब ग्रामीण विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ: शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने इस अवसर पर कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग और इलेक्ट्रोनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के समन्वय से प्रदेश के 770 राजकीय विद्यालयों तथा 11 जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थाओं में स्मार्ट वर्चुअल क्लास रूम स्थापित किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस एम.ओ.यू के माध्यम से राज्य के दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों के विद्यार्थियों को मेडिकल एवं इंजीनियरिंग परीक्षाओं की गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क कोचिंग सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मंत्री देवनानी ने कहा कि विद्यार्थियों को वर्चुअल क्लास के जरिए एलन कोचिंग संस्थान द्वारा निःशुल्क तैयारी करवाई जाएगी। ऐसे बच्चे जो शहरों में स्थित कोचिंग संस्थान में वहां नहीं रह सकने के कारण लाभ नही ले पाते, उन्हें इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के शिक्षा क्षेत्र का यह महती नवाचार है।
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पढ़ाई समय के दौरान मिलेगा कोचिंग का लाभ: वसुंधरा राजे सरकार द्वारा किए गए इस एमओयू के तहत शुरूआत में 11वीं कक्षा में अध्यनरत बच्चों को निःशुल्क स्मार्ट वर्चुअल क्लासेज में पढ़ाई समय के दौरान ही कोचिंग का लाभ मिल सकेगा। इसके अगले चरण में 12वीं के बच्चों को यह कोचिंग मिलेगी। कोचिंग के अंतर्गत प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्कृष्ट पाठक सामग्री उपलब्ध कराने के साथ ही विद्यार्थियों के उठाए प्रश्नों, उनकी समझने से संबंधित समस्याओं का भी एलन कोचिंग के विषय-विशेषज्ञों द्वारा समाधान किया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त ‘डाउट क्लासेज’ की कोचिंग विद्यालयों में होगी। निःशुल्क कोचिंग के एम.ओ.यू. का लाभ उन विद्यार्थियों को विशेष रूप से मिलेगा जो दूरस्थ क्षेत्रों में पढ़ रहे हैं।