जयपुर। राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वनरक्षक परीक्षा के लिए तमाम तरह के सुरक्षा इंतजाम करने बाद भी पेपर लीक करने वाले गिरोह ने गहलोत सरकार की आंखों में धूल झोंकते हुए आखिरी दौर पर वनरक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर में सेंध मार दी। दो साल से बेरोजगार वनपाल भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, लेकिन तमाम दावों के बावजूद 12 नवंबर की दूसरी पारी का पेपर लीक हो गया। पेपर लीक होने के चलते राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से पेपर रद्द करने का फैसला लिया गया है।
दूसरी पारी का पेपर निरस्त
वन विभाग के वनरक्षक के 2300 पदों के लिए हुई परीक्षा का 12 नवंबर को दूसरी पारी का पेपर लीक हुआ है। राजसमंद में मामले में पुलिस की कार्रवाई के बाद भर्ती एजेंसी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने प्रारम्भिक तौर पर लीक मानते हुए 12 नवंवर को आयोजित हुआ दूसरी पारी का पेपर निरस्त कर दिया है।
हजारों बेरोजगारों ने किया विरोध प्रदर्शन
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से पेपर रद्द फैसले के बाद से राजस्थान वनरक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़े सभी उम्मीदवारों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। पेपर लीक के विरोध में सोमवार को हजारों बेरोजगार जयपुर में जुटे। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के नेतृत्व में कर्मचारी चयन बोर्ड के दफ्तर का घेराव किया।
जनवरी में दोबारा होगी परीक्षा
12 और 13 नवंबर को हुई वनपाल भर्ती परीक्षा-2020 में 12 नवंबर को दूसरी पारी का पेपर रद्द किया गया, इससे 4 लाख 2 हजार 129 अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं। इन्हें दोबारा जनवरी में परीक्षा देनी होगी। हालांकि अभी तारीख तय नहीं हुई है। इस परीक्षा में 2 लाख 11 हजार 174 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे थे।
परीक्षा पेपर लीक मामले में 9 गिरफ्तार
राजस्थान पुलिस ने जसमंद में वन रक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ कर 09 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। राजसमंद पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि पुलिस ने बिजली विभाग में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात आरोपी दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी को पेपर से पहले ही अपने मोबाइल फोन पर सवाल और उसके जवाब मिल गए थे। आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसे व्हाट्सऐप पर सवाल-जवाब सवाई माधोपुर निवासी पवन सैनी नाम के व्यक्ति से प्राप्त हुए थे।
राजस्थान: फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक मामले में पुलिस ने राजसमंद के विद्युत विभाग के एक कर्मचारी को गिरफ़्तार किया।
SP सुधीर चौधरी ने बताया, "SOG की सूचना पर दीपक शर्मा को गिरफ़्तार किया। हमें इससे फॉरेस्ट गार्ड के दूसरी पाली के दूसरे पेपर की उत्तर पत्रिका मिली जो सही पाई गई।"(13.11) pic.twitter.com/Iaf2C5yZOl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 14, 2022
5 लाख में हुआ पेपर का सौदा
राजस्थान पुलिस को पता चला कि दीपक शर्मा को परीक्षा से एक घंटे पहले पांच लाख रुपये में प्रश्न पत्र मिला था। इसे दो अन्य व्यक्तियों- करौली के जितेंद्र कुमार सैनी और दौसा के हेतराम मीणा को छह-छह लाख रुपये में आगे भेजा गया था। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक साजिश) और राज्य के धोखाधड़ी विरोधी कानून की अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हाथ से लिखे गए हैं 62 सवाल
दूसरी पारी का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था, जो हाथ से लिखा गया था। पेपर लीक की खबर आने के बाद राजस्थान पुलिस की स्पेशल वींग और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने मामले की तुरंत जांच की जिस पर जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने यह फैसला लिया है। जांच में हाथ से लिखे पेपर के 62 सवाल हुबहु पाए गए, जो पेपर से छपे हुए थे। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष हरि प्रसाद शर्मा ने कहा कि हाथ से लिखा पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वायरल पेपर में से परीक्षा में आने वाले पेपर में से 62 सवालों का हुबहु मिलान हो रहा है, जिसके बाद शनिवार को हुई दूसरी पारी का पेपर रद्द किया गया।