रोबोट के हाथों सर्जरी सुनने में ही कान खड़े कर देने वाला है। आपने रोबोट के हाथों आॅपरेशन होते या तो विदेशों के अस्पतालों में देखा होगा या फिर हॉलीवुड फिल्मों में। लेकिन अब यह तकनीक राजस्थान में भी लाई जा चुकी है। ऐसा आज ही होने वाला है जब प्रदेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रोबोट डॉक्टर बनेगा और मरीजों की सर्जरी करेगा। राजस्थान में आज पहली बार अत्याधुनिक सर्जिकल सिस्टम का डेमो किया जाएगा। इसके बाद 9 नवंबर तक मरीजों को इसका डेमो होगा। आने वाले दो-तीन महिनों में यह रोबोट डॉक्टर रेग्युलर तौर पर अपना काम शुरू कर देंगे। एक रोबोट को ऐसा करते देखने वाकई में एक रोमांचक व कान खड़े कर देने वाला अनुभव होगा। आपको यह भी बता दें कि रोबोट डॉक्टर 3D तकनीक के तरीजे मरीजों की सर्जरी करेंगे। जबकि डॉक्टर्स फिलहाल 2D तकनीक ही काम में लेते आए हैं।
जैसाकि एम्स के अधीक्षक डॉ. अरविन्द सिन्हा ने बताया है कि ‘अभी तक लेप्रोस्कोपी में चिकित्सक मरीज के शहर में दूरबीन डालते हैं तो स्क्रीन पर 2D स्तर पर ही पिक्चर दिखाते हैं। इसके बाद हाथ से औजार मूव करते हैं। इस तकनीक में जिस जगह सर्जरी करनी है, वहां की गहराई का पता नहीं चल पाता है।’ लेकिन 3D तकनीक आने से ऐसा नहीं होगा। रोबोट डॉक्टर सर्जिकल सिस्टम में चिकित्सक 3D तकनीक से सर्जरी वाले हिस्सों को देख सकेंगे। इसमें अन्य चिकित्सक मरीज से दूर बैठकर रोबोट से औजारों को मूव करा सकते हैं।
इसमें डरने व घबराने जैसी भी कोई बात नहीं होगी क्योंकि रोबोट का मूवमेंट एकदम सटीक रहता है। 3D तकनीक से जटिल प्रोविसर पहले से ज्यादा आसान होगा। इससे ओंको सर्जरी विभाग, स्त्री रोग विभाग, कान, नाक व गला विभाग, मूत्र विज्ञान विभाग व सामान्य सर्जरी विज्ञान के मरीजों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।
डॉ. सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि रोबोट सर्जिकल सिस्टम मशीन अमेरिका से मंगाई गई हैं। देश में ऐसे कुल 15 मशीनों को मंगवाया गया है। हर मशीन की कीमत 10 करोड़ रूपए है जो अलग-अलग रैंज में 30 करोड़ रूपए तक जाती है। एम्स जोधपुर ने 28 करोड़ रूपए की लागत वाली मशीन खरीदने का प्लान किया है। उम्मीद है कि जल्दी ही राजस्थान में रोबोट डॉक्टर बन मरीजों की सर्जरी करते देखे जा सकेंगे।
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