राजस्थान सरकार प्रदेश के किसानों को समृद्ध बनाने के लिए कई योजना चला रही है। इन योजनाओं का फायदा उठाकर लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं। राजस्थान में किन्नू की खेती अब से पहले तक गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में ही होती रही है। लेकिन अब प्रदेश के अन्य जिलों के किसान भी किन्नू की खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। मेवाड़ क्षेत्र के चित्तौड़गढ़ जिले के किसान भी अब इसकी पैदावार करने लगे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र चित्तौड़गढ़ में 9 साल पहले लगाए गए किन्नू के पौधे अब फलों से लद गए हैं। पिछले 2 सालों में कृषि विज्ञान केंद्र को किन्नू से लाखों रुपए की आय हुई है।
118 क्विंटल किन्नू के उत्पादन से 2 लाख से ज्यादा की हुई आय
चित्तौड़गढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र ने साल 2008 में किन्नू के लिए उद्यान विकसित कर 1.80 हैक्टेयर क्षेत्र में किन्नू के 700 पौधे लगाए थे। इनसे पिछले साल करीब 118 क्विंटल किन्नू का उत्पादन हुआ था। जिससे कृषि विज्ञान केंद्र को 2 लाख 15 हजार 547 रुपए की आय हुई थी। यही नहीं किन्नू से रियल जूस और स्क्वैश भी तैयार किया गया था। किन्नू की बंपर पैदावार से इसकी खेती को लेकर मेवाड़ के किसानों में नया उत्साह देखने को मिल रहा है।
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संतरे से अच्छी आमदनी किन्नू से पा सकते हैं किसान: चितौड़गढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र में किन्नू की बंपर पैदावार को देखकर अब मेवाड़ के किसान भी अब किन्नू के बगीचे लगाने को लेकर उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। यहां के किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्र से पौधों की मांग करनी शुरू कर दी है। कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियो का कहना है कि किसान संतरे से अच्छी कमाई किन्नू के उत्पादन से कर सकते हैं। राजस्थान के किसानों को भी कृषि विज्ञान केंद्र, चित्तौड़गढ़ की नई तकनीक को अपनाकर किन्नू की खेती करनी चाहिए जिससे अपनी आर्थिक स्थिति को और भी मजबूत बनाया जा सके।