ई-वे बिल अब 1 अप्रैल से देशभर में लागू होगा। इससे पहले यह एक फरवरी से लागू होने वाला था। पिछली गलतियों से सबक लेकर इस बार सरकार पूरी तैयारियों के साथ इसे लागू करना चाहती है। इसमें गुड्स ट्रांसपोर्ट के दौरान माल भेजने वाले व्यापारी और ट्रांसपोर्टर को ऑनलाइन ई-वे बिल भरना होगा। फिलहाल यह अंतर्राज्यीय व्यापार पर ही लागू होग। भविष्य में इसे राज्य के अंदर भी लागू करने की योजना है। व्यापारी अब बिना ई-वे बिल के अपना माल ट्रांसपोर्ट नहीं कर सकेंगे। 1 अप्रैल से पूरे देश में ई-वे बिल अनिवार्य हो जाएगा। इसके तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपए से ज्यादा की कीमत का माल भेजने पर व्यापारी को माल के साथ जीएसटी बिल, पाने वाले की जगह, ट्रांसपोर्टर की आईडी, गाड़ी नम्बर भी भरना होगा।
इससे पहले 1 फरवरी से पूरे देश में लागू होना था ई-वे बिल
गौरतलब है कि पहले 1 फरवरी से पूरे देश में ई-वे बिल लागू होना था, लेकिन कुछ खामियों की वजह से लागू नहीं हो पाया था। सरकार की ओर से नए बिल में कई संशोधन भी किए गए हैं। पुराने प्रावधानों में केवल 10 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर माल-लाने-ले जाने पर ई-वे बिल अनिवार्य किया गया था। इससे व्यापारियों में भारी नाराजगी थी, लेकिन जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में इसे अंतर्राज्यीय पर ही लागू कर व्यापारियों को बड़ी राहत दी गई है।
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उद्योग और व्यापार संगठनों ने ई-वे में संशोधन का किया स्वागत
उद्योग और व्यापार संगठनों ने ई-वे बिल में सरकार के संशोधन का स्वागत किया है। दूसरे राज्य में भेजे जाने वाले माल के साथ यदि ई-वे बिल नहीं होगा तो जीएसटी के बराबर पैनल्टी का प्रावधान है। राजस्थान में 33 वस्तु श्रेणियों के अंतर्राज्यीय व्यापार के लिए ई-वे बिल अनिवार्य किया गया है, लेकिन सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती तकनीकी पक्ष है। पिछली बार सिस्टम फेल होने सहित कई खामियां नज़र आई थी।