राजस्थान के किसानों को आधुनिक नैनो खाद की उपलब्धता के लिए खाद एवं रसायन मंत्रायल अब तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसी के चलते अमेरिका में नैनो टेकनोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. रलिया को भारत बुलाया जा रहा है। डॉ. रमेश रलिया नैनो भारत सरकार को पार्टिकल्स और नैनो टेकनोलॉजी का प्रस्तुतीकरण बताने के साथ भारत सरकार के नीति निर्धारकों और विशेषज्ञ वैज्ञानिक समूह को अपना शोध बताएंगे। उसके बाद नीति आयोग के कुछ प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों से इस तकनीक को वृहद स्तर पर बनाने के बारे में चर्चा करेंगे। डॉ. रलिया 13 दिसम्बर को भारत आ रहे हैं। वैसे डॉ. रलिया नाम प्रदेश के लिए कोई नया नहीं है। रलिया प्रदेश की सरजमीं से जुड़े हुए हैं। डॉ. रलिया ने अपनी नैनो खाद पर किए गए शोध पर पिछले 5 साल परीक्षण किया है और उसके बाद भारतीय किसानों को इसका फायदा दिलाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।
कौन हैं डॉ. रमेश रलिया
डॉ. रमेश रलिया राजस्थान के जोधपुर के खारिया खंगार के निवासी हैं। किसान परिवेश में रहने वाले डॉ. रलिया जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर के छात्र रहे हैं। डॉ. रलिया ने नैनो टेकनोलॉजी में शोध करते हुए खेती के लिए आधुनिक नैनो फर्टिलाइजर बनाया है। इस खास तकनीक से पौधों की उत्पादन शक्ति और पोषक तत्वों में बढ़ोतरी होती है। इसी तकनीक की बदौलत ही डॉ. रलिया को अमेरिका में इंट्रप्रन्योग लीडरशिप, ग्लोबल इम्पैक्ट अवॉर्ड फायनलिस्ट, लीप अवॉर्ड मिला है। साथ ही ब्रिटिश में ग्लोबल बायो टेकनोलॉजी और भारत में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम गोल्ड मैडल भी मिला है।
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