हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों का कर्ज माफ़ करने का ऐलान किया था। राहुल गांधी ने चुनावी सभाओं में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो अगले 10 दिनों में किसानों की कर्ज माफ़ी होगी। लेकिन राहुल गांधी ने यह बात किस आधार पर कही थी, इसका जवाब अब आ गया है। कांग्रेस की राज्य की सत्ता में वापसी हुई लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्ज माफ़ी के मसले को लेकर पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। गहलोत ने इस पत्र में राज्य पर अत्यधिक वित्तीय भार का हवाला देते हुए राष्ट्रव्यापी कर्जमाफी का आग्रह किया गया है। इस पत्र को लेकर अब कांग्रेस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। राजनीतिक पार्टी माकपा ने कांग्रेस पर सवाल उठाया है कि क्या कांग्रेस ने केन्द्र सरकार के भरोसे विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान के किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था? सवाल लाजमी है कि कांग्रेस अपने किए वादे से पीछे हट रही है।
राजस्थान में कमेटी बनाकर और केन्द्र को चिट्ठी लिखकर कर्ज माफ़ी को लटकाया
राजस्थान में कांग्रेस के वादे के अनुसार अब तक किसानों की कर्ज माफी नहीं होने पर माकपा के पदाधिकारियों का कहना है कि एक ओर जहां दूसरे प्रदेशों की कांग्रेस सरकारें कर्जमाफी की घोषणा को त्वरित लागू कर रही हैं वहीं, राजस्थान में कांग्रेस ने कमेटी बनाकर और केन्द्र को चिट्ठी लिखकर मामले को लटका दिया है। उनका कहना है कि सम्पूर्ण कर्जमाफी की जगह 2 लाख की सीमा तय किए जाने से भी प्रदेश के किसानों में रोष दिख रहा है। किसान नेताओं ने तर्क दिया कि इतनी राशि तो समझौता समितियों के जरिए बैंक ही माफ कर देते हैं। कांग्रेस किसानों की पूर्ण कर्जमाफी के अपने वादे से पीछे हट रही है। बेरोजगारों को साढ़े तीन हजार भत्ता रुपए दिए जाने में देरी का मामला भी अखिल भारतीय किसान सभा उठाने जा रही है।
अब सरकार बन गई तो अपने वादे से मुकर रही है कांग्रेस
किसानों की सम्पूर्ण कर्ज माफ़ी के मामले में देरी पर अखिल भारतीय किसान सभा के कोषाध्यक्ष गुरुचरण मोड और अन्य किसान नेताओं ने कहा कि जब हम पिछली भाजपा सरकार में आंदोलन कर रहे थे तब कांग्रेस भी सम्पूर्ण कर्जमाफी की बात कह रही थी। लेकिन अब जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार बन गई है तो भी वह अपने वादे से मुकर रही है। बता दें कि भाजपा सरकार में अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा 13 दिन तक आंदोलन किया गया था इसके बाद किसानों की 50 हजार तक की कर्जमाफी की घोषणा हुई थी। अब राजस्थान में कांग्रेस ने कर्ज माफ़ी की घोषणा तो कर दी, लेकिन इसे लागू करने में कांग्रेस अपने हाथ पीछे खिंचती नज़र आ रही है। राहुल गांधी और कांग्रेस किसानों से किए वादे से मुकर रहे हैं। इससे प्रदेश के किसान नाराज़ है।