जयपुर। प्रदेश के चूरू जिले के राजगढ़ थानाप्रभारी सीआई विष्णुदत्त विश्नोई के सुसाइड केस का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ और दौसा जिले में एक हेड कांस्टेल ने आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। दौसा के सैंथल थाने में शुक्रवार को एक हेड कांस्टेबल ने आत्‍महत्‍या कर ली। बताया जा रहा है कि देर शाम हेड कांस्टेबल गिरिराज प्रसाद ने थाने के अंदर फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। घटना का पता चलते ही थाने और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। गिरिराज प्रसाद को तत्काल दौसा जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारी सैंथल थाने और जिला अस्पताल में पहुंचे।

किरोड़ीलाल मीना ने की सीबीआई जांच की मांग
घटना के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीना ने अपने ट्टीट किया है। उन्होंने हेड कांस्टेबल के भी किसी के दबाव में होने की आशंका जताई है। किरोड़ीलाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग करते हुए कहा कि मामले की जांच सीबीआई से करायी जाए।

फंदा लगाकर दी जान
दौसा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह चौहान जिला अस्पताल में पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। अभी तक पुलिस अधिकारियों ने मीडिया के सामने किसी भी तरह का कोई बयान नहीं दिया है। दौसा जिला अस्पताल के डॉक्टर अमित ने बताया कि सैंथल थाने से एक हेडकांस्टेबल को शुक्रवार शाम को इमरजेंसी यूनिट में लाया गया था। उन्‍हें मृत घोषित किया गया है। मृतक के फंदा लगाए जाने के निशान हैं, ऐसे में फंदा लगाकर जान देने की आशंका है।

आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं
एएसपी अनिल सिंह और डीएसपी नरेंद्र रात को सैंथल थाने पहुंचे और मौका मुआवना किया। डीएसपी नरेंद्र ने बताया कि सुसाइड करने वाले हेड कांस्टेबल गिरिराज प्रसाद अक्टूबर 2019 से सैंथल थाने में कार्यरत थे। मृतक के पास से अभी तक कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला हैं। गिरिराज अलवर जिले के श्यामपुरा गांव के रहने वाले थे। उनके परिजन दौसा पहुंच गए हैं। शनिवार को गिरिराज प्रसाद के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। अभी तक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।

पिछले सप्ताह राजगढ़ थानाप्रभारी ने किया था सुसाइड
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह चूरू के राजगढ़ थाने में थानाप्रभारी सीआई विष्णुदत्त विश्नोई ने अपने सरकारी क्वार्टर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। विश्नोई ने आत्महत्या से पहले दो सुसाइड नोट लिखे थे। उसमें विश्नोई ने खुद के दवाब में होने की बात लिखी थी। विश्नोई के सुसाइड के बाद से ही शेखावाटी में राजनीति गरमाई हुई है।