जयपुर। महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या और मरने वालों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी अपने स्तर पर कोरोना को रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। महामारी कोरोना के कारण प्रदेश में पहले कर्फ्यू और फिर संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है ताकि इस महामारी पर काबू पाया जा सके। लेकिन लगातार बढ़ रहे आंकड़े गहन चिंता का विषय है। प्रदेश में कहीं जगह शवों को दफनाने और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

श्मशान में लॉकर फुल
हाल ही में प्रदेश के बाड़मेर जिले से एक बहुत ही भयानक घटना सामने आई है। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से परिजन उन अस्थियों का विसर्जन नही कर पा रहे हैं। इस कोरोना महामारी में लोग अपनों से दूर हो गए हैं। मरने के बाद भी श्मशान नही आ रहे हैं। सार्वजनिक श्मशान समिति मरने वालों की अस्थियों को लॉकर में रख रहे हैं जो अब फुल हो चुके हैं। नए लकड़ी के बक्से भी बनाए हैं, वो भी फुल हो गए हैं। अब समिति भामाशाहों से सहयोग करने अपील कर रही हैं।

खुले में रखे अस्थि कलश
सार्वजनिक श्मशान समिति के पास 6 अलमारी में 112 लॉकर थे जो फुल हो गए। समिति ने लॉकर फुल होने की स्थिति में लकड़ी के बक्से भी तैयार करवाए थे, वो भी बुधवार को फुल हो गए थे। समिति अब भामाशाहों से सहयोग की अपील कर रहे हैं। समिति के पास कोरोना और बगैर कोरोना वाले शवों की 162 अस्थियां हैं।

अस्थियां रखने की व्यवस्था
सार्वजनिक श्मशान समिति के मुताबिक कोरोना काल में लोग अस्थियां घर लेकर नहीं जा रहे थे। तब हमने 6 अलमारियों में 112 लॉकर बनाए थे। उसमें अस्थियों के ऊपर उसका नाम लिख दिया जाता है। ताकि अस्थियों की अदला-बदली न हो जाए। अब लॉकर फुल होने के बाद 50 अस्थियों को बक्से में रखा गया। मजबूरी में अस्थियों को अब बाल्टी, पीपा, बक्से में रख रहे हैं। अस्थियों के आगे सुबह-शाम अगरबत्ती भी करते है और कीर्तन करते हैं।