जयपुर। राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर भयावह रूप दिखा रही है। हाल में हुई एक जांच में सामने आया है कि राजस्थान में तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के पीछे की वजह ब्रिटेन का स्ट्रेन है। जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। यही वजह है कि राज्य के गांव-गांव में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक 25 दिन में एक्टिव केस दोगुना होने की आशंका है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने भी इस बात को स्वीकारा है कि राजस्थान में लगातार तेजी से कोरोना संक्रमण फैलने का कारण ब्रिटेन का स्ट्रेन है।
बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अभी दो-तीन दिन पहले ही रिपोर्ट आई, उसमें पता चला कि राजस्थान में यूके का स्ट्रेन है। जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा पूरे देश में 10 जगह है, वह भारत सरकार के नियंत्रण में है। सारे राज्य वहां पर रेगुलर अपने सैंपल भेजते रहते हैं। पिछले दिनों पेंडेंसी ज्यादा थी। हमने अप्रोच किया ताकि हमें पता चले कि प्रदेश में कोरोना का कौन सा स्ट्रेन लोगों को बीमार कर रहा है। प्रदेश कोरोना का संक्रमण बेकाबू हो गया है। प्रदेश के सभी अस्पताल कोविड पीड़ित मरीजों से भरे पड़े हैं। प्रदेश में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों का टोटा हो रहा है। कई जगह पीड़ित इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।
8 अप्रैल से तेजी से बढ़ रहे केस
कोरोना के यूके स्ट्रेन मिलने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया है। यूके स्ट्रेन तेजी से फैलता है। इसका सबूत राजस्थान में कोरोना के आंकड़े हैं। राजस्थान में 8 अप्रैल के बाद तेजी से कोरोना के केस बढ़े हैं। 8 अप्रैल को प्रदेश में 3526 पॉजिटिव केस आए थे और 21 हजार कुल एक्टिव केस थे। 11 मई को एक्टिव केस 2.05 लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं और रोजाना आने वाले केस 17 हजार के आसपास हैं। पिछले 8-10 दिन से रोज 16 से 18 हजार के आसपास पॉजिटिव केस आ रहे हैं।
रोजाना औसतन 160 से ज्यादा लोगों की हो रही है मौत
यह यूके स्ट्रेन सामान्य कोरोना वायरस के मुकाबले कई गुना तेजी से फैलता है। इसके कारण ही राजस्थान में कोरोना लगातार भयानक तरीके से फैलता जा रहा है। इसी के कारण राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित पूरे प्रदेशभर में पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 16 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं इस अवधि में प्रतिदिन औसतन 160 से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत भी हो रही है।