हर वर्ग, हर तबके की सहायता के लिए काम करने वाली राजस्थान सरकार ने पिछले 3 सालों में अनेकों ऐसी नयी योजनाओं का शुभारम्भ किया है, जिससे प्रदेश के आम एवं गरीब जन को राहत मिले। राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित सहयोग एवं उपहार योजना भी कुछ ऐसी ही है। इस योजना द्वारा निम्न वर्ग व आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के परिवारों को उनकी बेटी की शादी पर सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अंतर्गत विधवा महिला, बी.पी.एल. व आस्था कार्डधारियों की कन्याओं की शादी पर सरकार द्वारा मदद दी जाती है।
गतवर्ष दिया गया 8425 कन्याओं के विवाह में अनुदान:
अभी कुछ दिनों पहले आये सरकारी योजनाओं की प्रगति के आंकड़ों पर नज़र डाले तो पता चलता है कि इस योजना के अंतर्गत पिछले वर्ष 2016-17 के दौरान कुल 8 हजार 425 विधवा महिलाओं एवं बी.पी.एल. व आस्था कार्डधारियों की कन्याओं की शादियों के लिए सरकार द्वारा 12 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता देकर ज़रूरतमंद परिवारों को लाभ पहुँचाया गया है।
इस वर्ष बढ़ा दी गई है सहायता राशि:
राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि में इस वर्ष से लगभग दोगुनी तक बढ़ोतरी की गई है। विभागीय मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी के अनुसार इस वर्ष 2017-18 की बजट घोषणा में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ज़रूरतमंद परिवारों की कन्याओं की शादी के लिए दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है। इस वर्ष 1 अप्रेल, 2017 से 18 वर्ष या अधिक आयु की कन्या की शादी के लिए दी जाने वाली राशि को 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 20 हजार रूपए कर दिया गया है। यदि कन्या दसवीं कक्षा पास है तो उसकी शादी लिए पहले जहाँ 20 हजार रूपए दिए जाते थे वहीँ अब 30 हजार रूपए दिए जायेंगे। स्नातक पास कन्या की शादी के लिए सरकार ने पूर्व में दी जाने वाली सहायता राशि 20 हजार रूपए को बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया है।
हर वर्ग और तबके को किया गया लाभान्वित:
अपनी इस योजना के द्वारा अब तक सरकार ने हर वर्ग और हर समुदाय के पात्र व ज़रूरतमंद परिवारों तक लाभ पहुँचाया है। इस योजना द्वारा गरीब आदमी पर से उसकी कन्या की शादी के भार को सरकार ने कुछ हद तक साझा कर लिया है। राज्य सरकार द्वारा सभी समुदाय व वर्गों के बी.पी.एल. परिवारों, अंत्योदय परिवारों, आस्था कार्डधारी परिवारों की कन्याओं एवं विधवा महिलाओं की 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह पर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।