आज बात राजस्थान की ही नहीं पूरे हिंदुस्तान की होगी। एक व्यक्ति जो रात दिन मेहनत करके देश का भला करना चाहता है, उस पर तमाम विपक्षी दल मिलकर आये दिन आरोप लगा रहे हैं। उसे चोर बोल रहे हैं। उसको गाली दे रहे हैं। उस पर लांछन लगा रहे हैं। पांच साल पहले सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों ने मिलकर जिसे प्रचंड बहुमत के साथ देश की सेवा करने का मौका दिया। उस इंसान को गलत बता रहे हैं। जबकि दूसरा व्यक्ति वो, जो ख़ुद 5000 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में 50000 हज़ार रुपये की जमानत पर बाहर रहकर उधारी की ज़िन्दगी जी रहा है। वो राजा हरीश चंद्र हो गया, सिर्फ़ इसलिए की वो गांधी परिवार का सदस्य है। क्या गांधी परिवार का लाडला होने मात्र से वो 130 करोड़ हिंदुस्तानियों का कर्ता-धर्ता बन गया? क्या गांधी परिवार का सपूत होने मात्र से वो प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार हो गया। क्या गांधी परिवार का वंसज होने मात्र से वो हिंदुस्तान के सबसे बड़े पदाधिकारी, प्रधानमंत्री को गाली देने का हक़दार हो गया? क्या कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार के अलावा कोई और नहीं जो पार्टी की कमान संभाल सके? क्या कांग्रेस पार्टी के गैर गांधी परिवार के नेता सब नालायक़ हैं?
प्रदेश के विकास की बात नहीं की बस आरोप लगते रहे :
राजस्थान विधानसभा चुनावों में गिर-पड़ कर जीतने के बाद कांग्रेस ने पहली बार राजधानी जयपुर में राहुल गांधी की रैली का आयोजन किया। कांग्रेस सरकार ने इस रैली को नाम तो किसान रैली दिया, मगर किसानों को छोड़कर रैली में हर तरह की पटेलाईयां की गयी। ना तो किसान के क़र्ज़ माफ़ की समय सीमा तय की गयी कि कब तक कर दिया जायेगा। ना युवाओं को रोज़गार की बात की गयी, ना बेरोज़गारी भत्ते की बात की और ना ही प्रदेश के विकास को लेकर तमाम कांग्रेसी नेताओं ने कोई बयान दिया। कांग्रेस के नेता तो सिफ़ सत्ता मिल जाने के उन्माद में मन्त्र मुग्ध दिखे और अपनी असहायता का आरोप अभी से भाजपा सरकार पर डालने लगे हैं। मुख्यमंत्री साहेब ने कहा कि जब तक केंद्र में भाजपा की सरकार है, हम कुछ नहीं कर सकते। तो उप-मुख्यमंत्री जी ने कहा की हम नरेगा को और मज़बूत बनाएंगे। मतलब साफ़ है, इनकी काम करने की नियत ही नहीं है। वरना 2008 से 2013 के दौरान तो केंद्र और राज्य दोनों जगह कांग्रेस की ही सरकार थी, तब क्या झंडे गाड़ लिए इन्होंने? दूसरी बात ये की रोज़गार की बात आते ही कांग्रेस सिर्फ़ नरेगा को मज़बूत करने की बात कह कर पल्ला झाड़ लेती है। क्या राजस्थान की जनता सिर्फ़ गड्ढे खोदने के लायक है? या फिर इतनी नालायक़ है कि पकौड़े भी नहीं बना सकती। ना रोजग़ार के नए अवसर पैदा करने की बात कही, ना स्वरोज़गार की।
कांग्रेस पार्टी ने ख़ुद देश को खेलने लायक़ नहीं छोड़ा :
कांग्रेस ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीमान राहुल गांधी जी ने किसान रैली…… ओह! सॉरी… सॉरी…! चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के युवा को अब फ्रंटफ़ुट पर आकर खेलना होगा। अब राजस्थान का युवा, हिंदुस्तान का युवा बैकफ़ुट नहीं खेल सकता। इसलिए हिंदुस्तान और राजस्थान के युवा को फ्रंटफ़ुट पर आकर छक्का मरना होगा। अब ध्यान देने वाली बात ये है कि ये बात वो शख़्स कर रहा है, जिसके परिवार के लोगों ने अपनी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित पूरे हिंदुस्तान को अपने घटिया राजनीतिक खेल से मिसफील्डिंग, ख़राब गेंदबाज़ी और निम्नस्तरीय बल्लेबाज़ी करके विकास के मैदान पर पूरी दुनिया के सामने फॉलोऑन खेलने पर मज़बूर कर दिया। विकास के विश्वकप के मैचों में हिंदुस्तान कांग्रेस की वजह से ही कई मैच हार चूका है। वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक लगातार 10 वर्षों में ने देश में घोटाले कर-कर के, घोटाले कर-कर, घोटाले कर-कर के देश की हालत ख़राब कर दी। अरे इन्होंने ने अपने घोटालों के घटिया राजनीतिक खेल के चक्कर में तो असली खेलों को भी नहीं बख़्शा। साल 2010 में हुए कॉमनवेल्थ घोटाले को कौन नहीं जनता। अरे जिन्होंने ख़ुद इतने घोटाले किया कि देह खोखला हो गया। आज वो दूसरों पर लांछन लगाते हैं।
कांग्रेस के लिए हिंदुस्तान धरोहर नहीं निजी संपत्ति है :
कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हिंदुस्तान को अपनी निजी संपत्ति मान लिया है, और गांधी परिवार ने तो हिंदुस्तान को अपनी पैतृक संपत्ति मान रखा है। इसीलिए तो ये किसी भी अन्य पार्टी को ना तो काम करने देते हैं, और अगर कोई काम करता है तो उसे आरोपों में फंसाकर सत्ता से बाहर कर देते हैं। आज हिंदुस्तान के हर बड़े शहर में कांग्रेस के राष्ट्रीय दामाद रॉबर्ट वाड्रा के नाम पर ज़मीन है। ये वही रॉबर्ट वाड्रा हैं, जो 2004 से पहले बेहद ग़रीब हुआ करते थे। आज राहुल गांधी, राफेल पर आये दिन जो हंगामा करते हैं, वो भी सिर्फ़ इसलिए करते हैं कि राफेल हवाई जहाज़ बनाने का ठेका भाजपा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को नहीं दिया। जैसा कांग्रेस ने ऑगस्टा वेस्टलैंड और चॉपर सौदे में किया। वरना उनके लिए भी तो एचएएल कॉन्ट्रेक्ट की हक़दार थी। तब क्यों नहीं दिया गया? आज जयपुर रैली में भी राहुल ने यही बात दोहराते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे बड़ा “एसेट” तो किसान ही हैं। हमने किसान को फंसा लिया मतलब देश को फंसा लिया। क्योंकि देश की 70 प्रतिशत आबादी तो आज भी किसान ही हैं।
कितना झूठ बोलते हैं, एक भी किसान से हाथ नहीं मिलाया और मुलाक़ात की बात करते हैं :
आज जयपुर में किसानों से मुलाक़ात हुई|
मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि क़र्ज़ा माफ़ी से किसानों को मदद ज़रूर मिलेगी पर इससे किसानों की समस्या हल नहीं होगी| यह पहला क़दम है| अब एक नए तरीक़े से सोचने की ज़रूरत है| हमें एक नई हरित क्रांति की तैयारी करनी है|#CongressKisanKeSaath pic.twitter.com/9ghzRDvXlJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 9, 2019
Read More : ये कांग्रेसी इतनी सस्ती सेंटर फ्रूट क्यों खाते हैं, कि जीभ लपलपाती नहीं फिसल ही जाती है
Author : Mahendra