दुनिया में बडी-बडी बातें करना तो बहुत आसान है, लेकिन अपने द्वारा कही बातों पर स्वयं ख़रा उतरना उतना ही मुश्किल है। सीधे शब्दों में कहें तो कथनी-करनी में अंतर। कहते टाइम तो कुछ भी कह जाते हैं, लेकिन जब करने की बारी आती है, तो कहते हैं, ऐसा थोड़े ही होता कभी। हमने तो आज तक किसी को नहीं देखा करते हुए। अब जैसे हिंदुस्तान की महान क्रांतिकारी पार्टी कांग्रेस को ही ले लीजिये।

भावनाओं में बहकर कुछ भी बोल गए :

राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के जिन नेताओं ने ये बड़े-बड़े वादे किये थे, सब धरे के धरे रह गए। अब तो नेताजी के मुंह से यही बातें निकलती है, कि हम इस पर चर्चा कर रहे हैं, इसकी समीक्षा कर रहे हैं, बैठक कर रहे हैं या फिर कार्यकारिणी गठित कर रहे हैं। मतलब…! सत्ता पाने के लालच में कांग्रेस पार्टी ने चुनावों में मात्र 10 दिन में क़र्ज़ माफ़ी की घोषणा तो कर दी मगर अभी तक तो इसने कार्यकारिणी ही गठित नहीं की जा सकी। जबकि सरकार को बने 21 दिन हो चुके हैं। उसके अलावा जो भी वादे कांग्रेस ने “चुनावी धोखा पत्र” में किये थे, उनमे से अभी तक तो एक भी वादा पूरा होता नहीं दिखा रहा। जैसे कि महान कांग्रेस के महान नेता, कान पकड़ कर “श्री श्री 1008 माननीय श्रीमान जनेऊधारी राहुल गांधी दत्तात्रेय जी” ने चुनावी रैलियों में दहाड़-दहाड़ कर कहा था “कांग्रेस की सरकार बनते ही मात्र दस दिनों में राजस्थान के किसानों का सम्पूर्ण क़र्ज़ माफ़ कर दिया जायेगा।“ अब भावनाओं में बहकर गांधी राजकुमार ने घोषणा तो कर दी मगर उस वक़्त ना तो क़र्ज़ की कोई सीमा तय की थी और ना ही ये बताया गया था कि किसानों के किस प्रकार के ऋण माफ़ किये जायेंगे। अब, जब सिर पर आ पड़ी है, तो अब कहते हैं समीक्षा करेंगे, अल्पकालीन ऋण माफ़ करेंगे, इनका करेंगे, इनका नहीं करेंगे। फलाना-ढीका, ये वो अंट-शंट कुछ भी बोले जा रहे हैं। राहुल गांधी जी तो ये भी बोले थे कि “कांग्रेस का मुख्यमंत्री 24 घंटे राजस्थान के युवाओं को रोज़गार देने का काम करेगा।“ सोने पर सुहागा ये है, कि राजस्थान को तो 2-2 मुख्यमंत्रियों की सौगात मिली है। इस हिसाब से तो राजस्थान के युवाओं के लिए तो एक ही दिन में 72 घंटों के बराबर रोज़गार देने का काम हो रहा होगा। क्योंकि राहुल गांधी जी ने कहा था कि “चाइना की सरकार एक दिन में 15000 युवाओं को रोजगार देती है”, जबकि वहां तो एक ही मुख्यमंत्री होता है। लेकिन राजस्थान में दो मुख्यमंत्रियों के हिसाब से एक दिन में 30000, और 21 दिन में 420000 लाख युवाओं को रोजगार मिल जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक तो दोनों मुख़्यमंत्रियों ने मिलकर एक व्यक्ति को भी रोज़गार नहीं दिलाया है।

जो भाजपा सरकार देकर गयी थी उसे भी छीन रहे :

क़र्ज़ माफ़ी, रोज़गार और सुविधाएँ देना तो दूर कांग्रेस सरकार तो उसे भी छीनने पर लगी है, जो भाजपा सरकार देकर गयी थी। अब देखो भाजपा सरकार ने अन्नपूर्णा भंडार खोले, कांग्रेस ने बंद कर दिए, भाजपा सरकार ने भामाशाह योजना चलायी कांग्रेस सरकार उसे भी बंद कर रही है, भाजपा ने अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरु की कांग्रेस सरकार ने…! समझ गए ना। और कितना बतायें? अरे कांग्रेस सरकार ने तो स्वतंत्रता सेनानियों और कांग्रेस सरकार द्वारा ही लगाए आपातकाल समय के मीसा बंदी जो लोग सरकार का विरोध करने के उपलक्ष्य में जेल की सजा से सम्मानित हुए उन लोगों को भाजपा सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन को भी बंद कर दिया। क्योंकि हिंदुस्तान की स्वतंत्रता की लड़ाई तो कांग्रेसियों ने या सिर्फ़ गांधी परिवार के लोगों ने लड़ी है ना। बाकि हिंदुस्तान की जनता तो पहले भी गुलाम थी और अब भी गुलाम है। पहले अंग्रेज़ों की और अब चंद अंग्रेज़ी बोलने वालों की। मीसा बंदी क्या होते हैं? क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

जो जब मुंह में आया बोल देते हैं :

अब चूँकि कांग्रेस पार्टी क्रांतिकारी है, स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाली है, देश की सबसे बुजुर्ग पार्टी है, और हाँ गांधी पार्टी है। तो ऐसे में कांग्रेस के नेता पार्टी की वरिष्ठता का पूरा फायदा उठाते हैं। जब चाहे, जहाँ चाहे, जैसे चाहे, कुछ भी बोल देते है, और जो मन में आया बोल देते है। बोलते भी ऐसे है मनो इनका कहा पत्थर की लकीर हो जो कुछ समय बाद ही ऐसे गायब हो जाता है, जैस रेत पर लिखा पानी से गायब हो जाता है। लेकिन एक बात तो है, कांग्रेस वाले सस्ती वाली सेंटर फ्रूट खाकर बोलते हैं, इसीलिए तो इनकी ज़ुबान लपलपाती नहीं, सीधे फिसल जाती है। फिसलती भी ऐसे है कि सब गुड़-गोबर एक कर देती है। या फिर अपनी ही हक़ीकत बयान कर देती है। अब और क्या बताएं आप ख़ुद ही देख लो।

#UPA का अंत सुनिश्चित है #NDA आना निश्चित है 😛😀😂 #ModiOnceMore #ModiFor2019

Astha Parihar यांनी वर पोस्ट केले मंगळवार, ८ जानेवारी, २०१९

 

क्या बोल गए खुद को नहीं पता

 

जनता की दुविधा बढ़ती ही जाती है कम नहीं होती :

अब कांग्रेस भी ऐसी ऐसी बातें करती है कि जनता ख़ुद धर्मसंकट में पड़ जाती है। कौनसी बात को सच माने, कौन को नहीं। एक तरफ तो कांग्रेस ने 10 दिन में कर्ज़ माफ़ करने की बात कही और आज ही द्विमुखीय मुख्यमंत्री माननीय श्री अशोक गहलोत सचिन पायलट जी ने कहा कि “कांग्रेस ने तो अभी केवल ऋण माफी की घोषणा की है। किसी भी किसान का लोन माफी नहीं किया गया है।” तो जनता क्या समझे कांग्रेस ने वादा करके तोड़ दिया। अरे-अरे…! ऐसे तो कोई प्रेमका भी नहीं तोड़ती। कांग्रेस ने घोषणा भी की तो वही जो भाजपा सरकार 8 महीने पहले कर चुकी थी। तो फिर कांग्रेस ने क्या किया? झूठ बोला, झांसा दिया और जनता को गुमराह करके ठग लिया। लेकिन कांग्रेस जी आपको पता है ना जनता को ठगने वालों का क्या हाल होता है? नहीं पता! वही हाल होता है जो “ठग्स ऑफ हिंदोस्तान” का हुआ था। आपने अपनी फ़िल्म तो बना ली और रिलीज़ भी कर दी मगर जनता के सामने अब ये चल नहीं पा रही है। जिसका प्रमोशन करने के लिए आप अपने बाबा राहुल को बुला रहे हो। ये वही राहुल जी हैं जो निचे दिखाए गये हैं।

कांग्रेस के आते ही राजस्थान के हालत बदतर हो रहे हैं :

अब देखिये ना मीडिया वाले कितना झूठ बोलते हैं कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की तैयारियों में लगे हैं। जबकि राजस्थान कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत जी, मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट जी अपने सभी 23 विधायकों के मंत्रिमंडल सहित रात दिन इतनी कड़ाके की ठण्ड में भी जनता की भलाई के लिए काम कर रहे है। बेचारे इतनी मेहनत कर रहे हैं कि हाड कंपा देने वाली सर्दी में भी इनके पसीने छूट रहे हैं। राहुल गांधी जी की किसान रैली की तैयारी करने वाले तो कोई एलियन-वेलियन या दूसरी दुनिया के लोग हैं। ये कांग्रेस के नेताओं की जी तोड़ मेहनत ही तो है कि आज प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने मात्र 21 दिन हुए है और, बलात्कार, चोरी, लूट, डकैती, भ्रष्टाचार और कालाबाजारी तुरंत रूप से प्रभावी हो गयी है। रही सही कसर ये लोग भाजपा सरकार की चलायी गयी योजनाओं को बंद कर, पूरी कर रहे हैं।

फिर भी राहुल गांधी आये दिन संसद में झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं, राफेल डील पर भाजपा सरकार पर आरोप लगाकर बोलते हैं कि जनता को सबकुछ पता है, जबकि जनता को कुछ नहीं पता खुद उनके दोस्त केजरीवाल की सल्तनत दिल्ली की आवाम को नहीं पता कि आख़िर राफेल है किस बला का नाम। देखिये आप खुद ही देखिये।

 

गांधी परिवार की ख़िदमत करने से अच्छा जनता के काम करें तो प्रदेश का उत्थान हो :

राजस्थान में राहुल महाराज की रैली को सफल बनाने से ज्यादा अगर कांग्रेस सरकार जनता की समस्याओं को हल करने और जनता की भलाई करने में ध्यान देगी तो ज़्यादा ठीक रहेगा। अगर कांग्रेस प्रथम लेवल रीट की भर्ती प्रक्रिया पर लगायी गयी रोक हटा दे तो युवाओं का भला होगा। जल्द से जल्द कर्ज़ माफ़ कर दे तो किसानो का भला होगा। यूरिया दे तो फसलों का भला होगा। आये दिन दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों को रोकने पर ध्यान दे तो दलितों का भला होगा। कुल मिलाकर अगर गहलोत सरकार काम पर ध्यान दे तो जनता का भला होगा। रैली पर ध्यान देने से तो सिर्फ़ गांधी परिवार का भला होगा। राज्य की सुरक्षा पर ध्यान देंगे तो राज्य सुरक्षित होगा।

 

कुछ महीनों पहले पायलट जी ऐसा बोलते थे, फिर उनकी सरकार बन गयी अब वे कुछ नहीं बोलते

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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Author : Mahendra