राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार ने हाल ही में वर्ष 2018-19 के लिए बजट पेश करते हुए 50 हजार रूपये तक के किसान कर्ज माफी की घोषणा की। किसानों की कर्ज माफी को लेकर की गई घोषणा के मामले में राज्य सरकार ने अब गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में चार मंत्रियों की कमेटी गठित की है। इस कमेटी में मंत्रियों के अलावा सीनियर आईएएस भी शामिल होंगे। कमेटी के सदस्य पांच और छह मार्च को किसानों के प्रतिनिधियों से जयपुर में चर्चा कर रहे हैं। चर्चा के बाद किसानों की ओर से दिए जाने वाले सुझावों की रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सौंपी जाएगी।
बजट में पचास हजार रुपये तक के लोन को माफ करने की घोषणा
हाल ही उदयपुर में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हमने राजस्थान के इतिहास में पहली सरकार ने किसानों का पचास हजार रुपये तक का कर्जा माफ करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव बैंको से लिए गए कर्ज माफ करने की घोषणा हुई है। इसके बाद किसानों की यह मांग भी है कि अन्य बैंकों से लिए गए लोन को माफ किया जाएं। मंत्री कटारिया ने कहा कि साथ ही किसानों की यह मांग भी है कि छोटे-बड़े सभी किसानों का खेती के लिए लिया गया लोन माफ किया जाना चाहिए। बता दें, वित्तीय वर्ष के बजट में किसानों द्वारा को-ऑपरेटिव बैंकों से लिए गए पचास हजार रुपये तक के कर्ज को माफ करने की घोषणा की थी।
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किसानों की कर्ज माफी संबंध कमेटी में ये मंत्री हैं शामिल
प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी के संबंध में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमण्डलीय उप समिति 5 एवं 6 मार्च को विधानसभा में किसानों से जुड़े संगठनों एवं प्रतिनिधियों से मुलाकात कर किसानों से जुड़ी समस्याएं एवं उनके सुझाव ले रही है। इस कमेटी में गृहमंत्री के अलावा जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप, कृषि मंत्री प्रभूलाल सैनी, ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह एवं सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक भी शामिल है।