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CM Vasundhara Raje
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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश के कॉलेज व्याख्याताओं को नया नाम देने पर अपनी सहमति जताई हैं। अब राजस्थान के कॉलेज लेक्चरर्स का पदनाम जल्द ही बदने वाला हैं। मुख्यमंत्री राजे ने राजस्थान शैक्षणिक सेवा संशोधन नियम  2017 के अधिसूचना के प्रारूप को मंजूरी प्रदान कर दी हैं। इस संशोधन से सरकारी महाविद्यालयों में व्याख्याताओं के पदनाम विश्वविद्यालयों की तर्ज पर असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर किए जाने का रास्ता साफ हो गया हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश के स्कूल व्याख्याताओं के पदनाम बदलने पर भी विचार किया था जो कि जल्द ही बदल सकता हैं।

477 प्रोफेसर के पदों का किया जाएगा सृजन

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने राजस्थान शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालय शाखा) संशोधन नियम 2017 की अधिसूचना के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इससे सरकारी महाविद्यालयों में व्याख्याताओं के पदनाम विश्वविद्यालयों की तर्ज पर असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर हो जाएंगे। साथ ही स्नातक और स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में 477 प्रोफेसर के पदों के सृजन को भी मंजूरी दे दी गई है। प्रारूप के अनुसार उपरोक्त नियमों में प्रोफेसर के पद पर भर्ती 100 प्रतिशत एसोसिएट प्रोफेसर के पद से की जाएगी। इसके लिए निर्धारित योग्यता करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत जारी किए गए दिशा निर्देशों, परिपत्रों और आदेशों के अनुसार निर्धारित की जाएगी। स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में प्रोफेसर के 437 और स्नातक महाविद्यालयों में प्रोफेसर के 40 पद सृजित किए जाएंगे। इन 477 पदों के सृजन से राज्य सरकार पर 3.70 करोड़ रुपए का वार्षिक वित्तिय भार पड़ेगा।

बिना मांगे दिया मुख्यमंत्री राजे ने तोहफा

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कई दिनों से कॉलेज व्याख्याताओं की पदनाम करने की अनुशंसाएं मिल रही थी लेकिन किसी ने पदनाम बदलने का जिक्र नही किया था। लेकिन मुख्यमंत्री राजे ने कॉलेज शिक्षकों को बिना मांगे पदनाम का तोहफा दिया हैं। अब स्कूल व्याख्याताओं के पदनाम को लेकर भी मुख्यमंत्री राजे के पास अनुशंसाएं आ रही हैं आगामी दिनों में स्कूल व्याख्याताओं के पदनाम में बदलाव देखने को मिल सकता हैं।