राजस्थान सरकार ने शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को एक बड़ी खुशी देते हुए उनके मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है। बढ़ा हुआ मानदेय इसी महीने यानि जुलाई माह से मिलना शुरू होगा। इस संबंध में शिक्षा बोर्ड की ओर से आदेश जारी कर सभी ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों को मानदेय भिजवाने को कहा है। आगामी महीनों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनावी साल में सरकारी विभाग के लिए यह एक बड़ी घोषणा कही जा सकती है। मानदेय बढ़ोतरी के संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से से सभी ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि 1 जुलाई, 2018 से 10 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। ऐसे में जुलाई माह के मानदेय बिल बनाकर 25 से 30 जुलाई के बीच भिजवाएं।
बोर्ड ने मानदेय के साथ शिक्षा अधिकारियों को बढ़े हुए मानदेय के अनुसार ईपीएफ की कटौती करने की बात भी कही है। जिससे बिलों में कमी होने के कारण रिवर्ट नहीं करना पड़ें और शिक्षाकर्मियों के मानदेय का सयम पर भुगतान हो सके। आपको बता दें कि राजस्थान सरकार की ओर से पिछले साल ही सरकारी विभागों के लिए 7वां वेतन आयोग लागू किया जा चुका है जिसमें सभी का वेतन बढ़ाया गया था जिसमें डीए भी शामिल है।
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए राजस्थान सरकार लगातार काम कर रही है। राज्य में शीघ्र ही तृतीय श्रेणी के 54 हजार पदों पर नियुक्ति हो जाएगी। इसके बाद प्रदेश में शिक्षकों का कोई पद रिक्त नहीं रहेगा। इसके साथ ही प्रथम श्रेणी, द्वितिय श्रेणी व प्रधानाचार्य के पदों पर भर्ती के आवेदन लिए जा चुके हैं। दूसरी ओर, प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश बढ़ाने व पुराने छात्रों के प्रस्थान को रोकने के लिए माननीय मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की है। योजना के तहत 8वीं कक्षा के सभी बच्चों को सप्ताह में तीन दिन स्कूल में गर्म पोष्टिक दूध पिलाया जाएगा। योजना का उद्देश्य बच्चों में पोष्टिकता को बढ़ावा देना है।
Read more: मुख्यमंत्री राजे ने श्रीनाथ मंदिर से लिया ‘विजयी भव’ का आशीर्वाद