अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना 811 वें उर्स में रजत की छठी शरीफ को कुल की रस्म अदा की गई। इसके साथ ही अनौपचारिक रूप से उर्स का समापन किया गया। ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में महाना छटी मनाई गई। जहां कुल की रस्म के साथ महफिल का आयोजन किया गया।
इस मौके पर अजमेर दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन और इनके सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती की मौजूदगी में खादिम हजारों जायरीन ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में विशेष दुआ की। दरगाह परिसर में मौजूद देश विदेश से पहुंचे जायरीन पर कुल के छींटे लगाए गए।
ज्ञात हो कि शनिवार रात ईशा की नमाज के बाद दरगाह शरीफ को केवड़े और गुलाब जल से धोकर पानी को मैं पूछ रखा गया। जिसके बाद तमाम रस्मों की अदायगी करते हुए कुल के छींटे जायरीन पर छिड़के गए। साथ ही, जन्नती दरवाजा दुआ करने के बाद एक बार फिर बंद कर दिया गया।
गौरतलब है कि, उर्स के मुबारक मौके पर लगातार छह दिनों तक यह जन्नती दरवाजा खोला गया था। जिसमें हजारों जायरीनों ने प्रवेश कर अपनी मनोकामना भी मांगी। बता दें कि, मुख्य रूप से जन्नती दरवाजे से गुजरने के लिए ही कई जायरीन अजमेर पहुंचते हैं। कुल की रस्म के बाद अजमेर दरगाह के खादिम द्वारा एक दूसरे को दस्तारबंदी की गई।
इस मौके पर दरगाह दीवान के पुत्र नसरुद्दीन चिश्ती की भी दस्तारबंदी कर तबर्रुक भेंट किया गया. कुल की रस्म की बात महफिल खाने में मलंग और कलंदर की ओर से उर्स के समापन के मौके पर हैरतअंगेज करतब भी दिखाए गए. जिन्हें देखने के लिए हजारों की संख्या में जायरीन भी उमड़े।
इस मौके पर देश विदेश से आए जायरीन और दरगाह के खादिम द्वारा विशेष दुआ करते हुए अमन चैन खुशहाली के साथ ही देश में सांप्रदायिक सौहार्द की दुआ भी मांगी। देश तरक्की की राह पर आगे बढ़े इसकी भी दुआ की गई।
धार्मिक रस्मों को निभाते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. साथ ही, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई उच्चाधिकारियों और राजनेताओं की चादर भी मजार शरीफ पर पेश हुई और सभी ने यहां दुआएं भेजी.