भारत में कॉफी की दुनिया के सबसे बड़े ब्रांडों में शामिल कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ हेगड़े की आत्महत्या की खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। कर्ज के कुचक्र में बुरी तरह फंसे सिद्धार्थ को लोन नहीं मिल पा रहा था और आयकर विभाग द्वारा भी उन्हें परेशान किए जाने की जानकारी आत्महत्या से पहले लिखे पत्र के जरिए सामने आई। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद और कैफे कॉफी डे(सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ 29 जुलाई से नेत्रावती नदी के पुल से गायब हुए थे जिनका शव 31 जुलाई को हुइगेबाज़ार में नदी के तट पर बरामद हुआ था। सिद्धार्थ आर्थिक संकट से जूझ रहे थे जिसका जिक्र उन्होंने पत्र में किया था, उन्होंने लिखा था कि अब वो दबाव नहीं झेल सकते हैं क्योंकि आयकर विभाग की तरफ से भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।

संघर्ष और प्रतिभा से सीसीडी को बनाया ब्रांड

वीजी सिद्धार्थ एक ऐसी सफल शख्सियत के रूप में उभरे, जो लाखों व्यापारियों व युवाओं के प्रेरणास्त्रोत थे। सिद्धार्थ ने सीसीडी को विश्वसनीय ब्रांड बनाने में कड़ा संघर्ष व अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रयोग किया था। 3 साल पहले एक इंटरव्यू में सिद्धार्थ न कहा था कि ”बिजनेसमैन रिटायर नहीं होते बल्कि वो मरते हैं।” लेकिन ये किसी ने भी नहीं सोचा था कि उन्हें कर्ज के निराशा में डूबकर आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाना पड़ेगा।

कॉफी की प्याली से मचाया तूफान

कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रभावित होने के बाद सिद्धार्थ ने पूंजीवादी व्यवस्था की ओर रुख किया और अपने पिताजी से व्यवसाय करने के लिए 7.5 लाख रु उधार लिए। इंटरव्यू के दौरान सिद्धार्थ ने उनके करियर की सफलता में अहम योगदान महेन्द्रभाई का बताया था। महेन्दभाई से उन्होंने बिजनेस व असल जिंदगी की कई बारीकियां सीखीं जिसे वे ताउम्र अपनाते रहे। शुरुआत में इंटर-मार्केटिंग व्यवसाय से शुरुआत करने वाले सिद्धार्थ ने सन् 1985 में सिद्धार्थ कॉफी की फसल को खरीदना शुरू किया था। सिद्धार्थ का यह कारोबार तीन हजार एकड़ में फैल चुका था, जिस पर उन्होंने सीसीडी जैसे बड़े साम्राज्य की नींव रखी। आज भले ही सिद्धार्थ इस दुनिया को अलविदा कह चुके हो लेकिन उनका संघर्ष लाखों युवाओं व छोटे व्यापारियों को आगे बढ़ने में हमेशा मार्गदर्शन देता रहेगा।