जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के शीर्ष नेताओं में चल रहे घमासान पर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को तंज कसा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि अंधा आदमी बता देगा कि सरकार की हालत क्या है। कोटा के सरकारी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के मामले को लेकर सरकार के अंदर चल रहे वार और पलटवार के बाद सतीश पूनिया ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने की जल्दी है और अशोक गहलोत को कुर्सी बचाने की जरूरत है। अंधा आदमी भी बता देगा कि सरकार की हालत क्या है।
चिकित्सा मंत्री और मुख्यमंत्री को फुर्सत नहीं
सतीश पूनिया ने कहा कि कोट में घटना के बाद हम और बाकी लोग वहां गए। यहां तक कि दिल्ली से केंद्र सरकार की तीन-तीन टीमें आई, संसद का दल आया, एम्स की टीम आई, मानव अधिकार की टीम आई। इन सब के आने के बाद वहां के चिकित्सा मंत्री और मुख्यमंत्री को फुर्सत मिली और वो लोग गए। आज वो घोषणाएं करते हैं तो मुझे लगता है कि इतना संवेदनशील मसला था और केवल कोटा नहीं, जोधपुर में उनके खुद के गृह क्षेत्र में, बांसवाड़ा, बूंदी और बीकानेर में ऐसे मामले लगातार हो रहे हैं।
पायलट ने फिर बोला हमला
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी शीत युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गहलोत और पायलट का एक-दूसरे पर वार-पलटवार जारी है। उपमुख्यमंत्री पायलट ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी के घर में मौत हो जाती है तो उसके यहां जाने के लिए परंपरा नहीं देखी जाती। एक अच्छी परंपरा तो यह है कि उसके घर जाकर सांत्वना देनी चाहिए।
विफलताओ को लेकर मीडिया को न धमकाएं गहलोत
सतीश पूनिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत अपना शासन ढंग से सम्भालें और विफलताओ को लेकर मीडिया को न धमकाएं। सतीश पूनिया ने कहा कि मीडिया तो अपना धर्म निभाएगा ही और सच्चाई को भी बताएगा। सरकार की सफलता और असफलताओं को उजागर करके मीडिया लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करता है, इसलिए वह लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाता है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में इतिहास ही बना है कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने किसी मुख्यमंत्री को उसके बयान को लेकर नोटिस भेजा है और दो सप्ताह में जवाब मांगा है।