जयपुर। राजस्थान में महिला सुरक्षा के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है। बीजेपी ने कहा कि प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में सबसे बड़ी चुनौती मिली है। यह सबसे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण, इस समय सोचने वाली और विवश करने वाली बात है वो राजस्थान की कानून व्यवस्था है। शांतिपूर्ण प्रदेश जो हर लिहाज से लोगों को आकर्षित करता है। लेकिन अब राजस्थान को गृहण लगा है। नजर लगी है। कानून व्यवस्था को, 8 लाख मुकदमे अपने आपमें इसकी बानगी कहते हैं।

भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने फूंका पुतला
नागौर के मेड़ता उपखंड कार्यालय के सामने भाजपा की महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत की बलात्कार के मामलों को लेकर महिलाओं के प्रति की गई टिप्पणी का विरोध किया है। इसके साथ ही पुतला जलाकर उपखंड अधिकारी पूरण कुमार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। भाजपा महिला मोर्चा के जिला अध्यक्ष कल्पना चौहान ने मुख्यमंत्री द्वारा बलात्कार कर दिए गए वक्तव्य का विरोध करते हुए राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया।

सीएम की अभद्र टिप्पणी को लेकर लोगों में आक्रोश
कल्पना चौहान, जिला अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा ने कहा कि आज हम एसडीएम ऑफिस आए हैं, यह जो तुष्टीकरण की राजनीति अपना रहे हैं। गहलोत हमारे सीएम हैं। कांग्रेस सरकार का आज पुतला जलाने आए हैं। उन्होंने अपने बयान में अभद्र टिप्पणी की है कि रेप क्यों होते हैं। रेप उनके रिश्तेदार और परिवार वाले करते हैं। क्या बौखला गए हैं। कांग्रेस सरकार में क्या कोई महिला अपनी इज्जत खराब करने के लिए बलात्कार का केस दर्ज कराएगी।

मुख्यमंत्री को चुनौती देने लगे हैं पार्टी विधायक
बीजेपी प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने कांग्रेस पार्टी पर चुटकी ली है। रामलाल शर्मा ने कहा कांग्रेस के भीतर चल रही अंदरूनी कलह जगजाहिर हो चुकी है। अब तो कांग्रेस के विधायक प्रदेश के मुखिया को ही चुनौती देने लगे हैं। रामलाल शर्मा ने कांग्रेस के विधायकों का बिना नाम लिए उन पर निशाना साधा है।

सचिन पायलट को लेकर कही ये बात
रामलाल ने कहा कि जिस तरीके से कांग्रेस के विधायक कह रहे हैं मैं कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता नहीं हूंं मैं सचिन पायलट का कार्य करता हूं। सचिन पायलट में मेरी निष्ठा है और कमान भी अब सचिन पायलट को सौंप देनी चाहिए। इस तरह के बयान कांग्रेस के विधायक दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में अनुशासन बनाए रखने के लिए मुखिया जी को इस तरह की बयानबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।