जयपुर। अशोक गहलोत सरकार कोरोना संकट के बीच 5 करोड़ लोगों को मुफ्त गेहूं बांटेगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के दायरे में नहीं आने वालों को भी मुफ्त में गेहूं दिया जाएगा। इसके लिए बाजार से गेहूं की खरीद की जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलो गेहूं मुफ्त दिया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को इसकी घोषणा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सभी 5 करोड़ लोगों को 10 किलो तक मुफ्त गेहूं मिलेगा। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि 27 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की वीसी हो रही है। इसमें लॉकडाउन को लेकर फैसला होगा। पीएम की वीसी में मजदूरों का मामला उठाया जाएगा। 27 अप्रैल को वीसी में प्रवासी राजस्थानियों और मजदूरों का मुद्दा प्रमुख एजेंडा रहेगा। गहलोत ने कहा मजदूरों और प्रवासी राजस्थानियों को केंद्र सरकार अविलंब उनके घर आने की अनुमति दे।
21 रुपए प्रति किलो के भाव से खरीदेंगे
सीएम ने कहा कि करीब 60 लाख लोगों को गेहूं नहीं मिल रहा था। इसके लिए अब राज्य सरकार 21 रुपए प्रति किलो के भाव से बाजार से गेहूं खरीदेगी। इससे उन्हें फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एनएफएसए के तहत 5 करोड़ लोगों को राज्य में मुफ्त अनाज मिलना था। इसके तहत प्रत्येक को 10 किलो गेहूं मिलना था। लेकिन केंद्र सरकार गेहूं कम दे रही है। अभी राशन की दुकानों पर गेहूं नहीं मिलने की शिकायत आ रही है। केंद्र ने 2011 की जनगणना को आधार बनाकर गेहूं दे रहा है, इसकी वजह से कम गेहूं मिला है।
धर्म के आधार पर छूट देने की अफवाह गलत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि धर्म के आधार पर लॉकडाउन में छूट देने के दावे निराधार हैं। कुछ लोग यह अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि राजस्थान सरकार धार्मिक आधार पर कुछ लोगों को कर्फ्यू में विशेष छूट दे रही है। इस तरह के दावे बिल्कुल निराधार हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक को लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं उनसे स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उल्लंघन करने वाला शख्स किसी भी धर्म या समाज से हो, उसको बख्शा नहीं जाए।
केंद्र सरकार उद्योगों को दे पैकेज
सीएम ने कहा कि मजदूर एवं कर्मचारियों की सैलरी सुनिश्चत होनी चाहिए। कई उद्योग कर्मचारियों का वेतन देने में असमर्थ हैं, क्योंकि उनकी खुद की हालत खराब है। उद्योगों के लिए केंद्र पैकेज लाए। केंद्र सरकार को कोई ऐसी स्कीम लानी चाहिए, जिससे कमजोर उद्योगों को मदद दे सके, क्योंकि मजदूर कर्मचारी की कोई गलती नहीं है। केंद्र सरकार को हर वर्ग को पैकेज देना पड़ेगा, अगर उद्योग व्यापार डूब गया तो सरकारों का राजस्व कहां से आएगा।