जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर आंदोलन आरक्षण की आग भड़की हुई है। राजस्थान में जाट और गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बाद प्रदेश के भरतपुर जिले में पिछले 5 दिनों से माली कुशवाहा, मौर्य समाज के लोग आरक्षण आंदोलन कर रहे थे। आखिरकार 5 दिन गुरुवार को यह आरक्षण आंदोलन खत्म हो गया है। राज्य सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र सिंह और सैनी समाज राजस्थान आरक्षण समिति की ओर से गुरुवार को वार्ता के बाद आंदोलन को समाप्त करने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले लगातार मंत्रियों और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता हुई लेकिन बात नहीं बनी। सैनी समाज के लोगों ने भरतपुर में नेशनल हाईवे 21 आगरा जयपुर खोल दिया है। सभी आंदोलनकारी मौके से घरों को रवाना हो गए।

मांगपत्र स्वीकार करने के बाद माने आंदोलनकारी
गुरुवार सुबह करीब 10.30 बजे कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह जयपुर आगरा हाईवे के अरौदा स्थित आंदोलन स्थल पर पहुंचे। यहां समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता की और उनका मांग पत्र लिया। मांग पत्र में समाज को 12% आरक्षण समेत आंदोलनकारियों पर लगाए गए मुकदमे वापस लेने, सरकार से वार्ता कराने और संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी के बेटे और भतीजी के ट्रांसफर रद्द करने की मांग शामिल हैं।

हाईवे पर आवागमन शुरू
मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने समाज के लोगों को उनका मांग पत्र राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसी के साथ सैनी समाज के लोगों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। हाईवे पर जमे सभी लोग हट गए और हाईवे पर आवागमन शुरू कर दिया गया।

आंदोलनकारियों पर दर्ज हुए कई मुकदमे
आपको बता दें कि पिछले 5 दिनों से चल रहे आंदोलन के बाद पुलिस ने सैकड़ों आंदोलनकारियों पर कई मुकदमे दर्ज किए हैं। आंदोलनकारियों ने प्रशासन के सामने 3 सूत्री मांगों के जरिए मुकदमे वापस लेने की भी मांग रखी है। केंद्रीय वही कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा था कि आंदोलनकारियों पर दर्ज किए गए मुकदमे किसी भी हाल में वापस नहीं लिए जाएंगे।

प्रशासन को करना पड़ा था रास्ता डाईवर्ट
आपको बता दें कि 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर इन समाजों को लोग भरतपुर जिले में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर गांव अरोदा में जाम करके बैठ हुए थे। आरक्षण आंदोलन को देखते हुये प्रशासन ने यहां रास्ता डाईवर्ट कर रखा है। इससे पहले मंगलवार रात को और बुधवार को दिन में आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मंडल की प्रशासन से वार्ता हुई लेकिन हर बार की तरह वे बेनतीजा रही।

13 जून से इंटरनेट है बंद
इस आंदोलन की आग अब भरतपुर से निकलकर आसपास के जिलों में भी फैलने लगी। इससे वहां आंदोलनकारियों की संख्या लगातार बढ़ती गई। आरक्षण आंदोलन को देखते हुये भरतपुर के वैर, भुसावर, उच्चैन और नदबई इलाके में 13 जून से इंटरनेट बंद किया हुआ है।