टेक्नोलॉजी का नाम आते ही कुछ लोगों के जहन में सिर्फ़ मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर, टेबलेट और लैपटॉप ही आते हैं। या फिर ज़्यादा से ज़्यादा रोबोट, ऑटोमेटिक सिस्टम और रिमोट कंट्रोल भी आ सकते हैं। लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते होंगे की टेक्नोलॉजी का मतलब किसी भी क्षेत्र में नयी-नयी तकनीकों की मदद से उस क्षेत्र की उपलब्धता को आम आदमी के लिए सरल और सुगम बनाना होता है। आसान भाषा में कहें तो “हर वो चीज़ जो इंसान का काम आसान करे या वक़्त बचाये” वही टेक्नोलॉजी है। यही बात आमिर खान ने मशीन के लिए भी कही थी। थ्री इडियट्स में। हाँ-हाँ वही बात है। मशीन भी तो एक टेक्नोलॉजी ही है। वैसे इसमें कोई दोराहे नहीं की तकनीकी ने इंसान की जिंदगी बेहद आसान कर दी है। आज पूरी दुनिया में नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। जो इंसानी जीवन को नई ऊंचाइयां दे रहे हैं।
आज राजस्थान के इतिहास में भी एक ऐसा ही पन्ना जुड़ गया। जब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में भामाशाह टेक्नो हब का उद्घाटन किया। अब तक हम सब ये बात तो जान ही चुके हैं, की भामाशाह टेक्नो हब भारत का सबसे बड़ा स्टार्ट-अप हब है। जिसमे 700उद्यमियों के एक साथ बैठ कर काम करने की सुविधा दी गयी है। उद्यमियों को काम करने में कोई दिक्कत न आये इसलिए उनके लिए जिम,ऑडिटोरियम, कांफ्रेंस रूम, रेस्टोरेंट्स, और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन से लैस फाइव स्टार फैसिलिटी भी दी गयी है। ये सुविधाएं नए स्टार्टअप्स को 2 साल तक पूरी तरह से नि:शुल्क मिलेंगी। एक लाख़ वर्ग फ़ीट में बने इस भामाशाह टेक्नो हब को आठ मंजिला खूबसूरत ईमारत का रूप दिया गया है। जिसे बनाने में 72 करोड़ रुपये ख़र्च किये गए हैं। भामाशाह टेक्नो हब की ईमारत को इतने शानदार तरीके से बनाया गया है, की मतलब यहाँ बैठ कर काम करने वालों को तो मज़ा ही आ जायेगा। क्योंकि यहाँ सभी उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ आराम करने के लिए बेहतरीन आरामदायक कक्ष भी बनाये गए हैं। बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटीज़ के अलावा उन्हें यहां उद्यम करने के लिए टेक्निकल सपोर्ट जैसे कि सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और अन्य ज़रूरी उपकरण भी दिए जाएंगे।
भामाशाह टेक्नो हब में अनोखा डिजिटल म्यूजियम भी बनाया गया है। जहाँ अपने समय के बेहतरीन प्रोजेक्ट्स की प्रदर्शनी लगायी जाएगी। जो आने वाली पीढ़ीयों को इस वक़्त की उपलब्धियां दिखायेगा। किसी व्यापारिक योजना में फेरबदल करने के लिए यहाँ टिंकरिंग प्रयोगशालाएं भी तैयार की गयी हैं। यहाँ नए- नए धंधों के लिए प्रशिक्षण, सहयोग और सहायता दी जाएगी। ताकि उन धंधों को पाल-पोष कर, बड़े-बड़े बिज़नेस तैयार किये जा सकें। नए स्टार्ट-अप्स के लिए राजस्थान सरकार ने राजकीय कोष से यहाँ के लिए पांच सौ करोड़ की वित्तीय राशि की स्वीकृति भी दे दी है। पांच सौ करोड़ में से सौ करोड़ रुपये महिलाओं के स्टार्ट-अप्स के लिए तथा 50 करोड़ रुपये ग्रीन स्टार्ट-अप्स के लिए दिए जायेंगे।
भामाशाह टेक्नो हब को चालू करने का मुख्य कारण यही है, की प्रदेश में नए एवं रचनात्मक विचारों को अमली जमा पहनाया जायेगा। यहां यूनीक आई प्रोजेक्ट्स् को राजस्थान सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। चुनिंदा व्यवसायियों को एक साल तक पूर्ण सहयोग प्रदान किया जायेगा। इस दौरान उनके प्रर्दशन की जांच प्रत्येक चौथे महीने में होती रहेगी। अगर उनका प्रदर्शन अच्छा रहा तो आगे चलते रहेंगे। वरना और नए लोगों को मौक़ा दिया जायेगा। नए उद्यमियों का चुनाव अंक प्रणाली के आधार पर किया जाएगा। लोकप्रिय भले ही न हो मगर आवश्यक रूप से योग्य एवं कर्मठ उम्मीदवार यहां आइस्टार्ट के जरिये ही आवेदन कर सकेंगे। जहाँ पर किसी भी प्रकार की कोई सांठगांठ नही चलेगी।
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की यहाँ सिर्फ़ सूचना तकनिकी और डिजिटल क्षेत्र से जुड़े व्यवसाय ही नहीं बल्कि किसी भी क्षेत्र से जुड़े नए व्यवसायों को सहायता प्रदान की जाएगी। फिर चाहे वह कृषि के क्षेत्र में नयी योजना हो या फिर हवा में उड़ने वाली कोई ऑटो टेक्सी का बिज़नेस। बस आपके आईडिया में दम होना चहिये। अगर आपका आईडिया हुआ… एक ग्रेट ग्रैंड आईडिया!, तो सरकार पहले उसकी रैंकिंग करेगी यानी आपकी युक्ति को एक पद से दिया जायेगा। फिर उसके बारे में आपको सलाह दी जाएगी की किस तरह आप अपने बिज़नेस को चला सकते हैं, और आगे बढ़ा सकते हैं। फिर आपको अपना धंधा चलाने के लिए बजट भी मिल जायेगा और बैठने के लिए आपको दफ़्तर भी दे दिया जायेगा। जहाँ आप काम करिये और मस्त रहिये।
भामाशाह टेक्नो हब में अब तक 200 आवेदन जमा हो चुके हैं, जहाँ कुल 1000 उद्यमियों को चुना जाना है। भामाशाह टेक्नो हब प्रोग्राम में आवेदन आप आइ-स्टार्ट के माध्यम से ही कर सकते हैं।
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