जयपुर के अराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर में बसन्त पंचमी का उत्सव सोमवार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। शहर के जलेबचौक के पास स्थित यह मंदिर अपनी विरासत और जयपुरवासियों के अराध्यदेव के रूप में सालों से प्रसिद्ध है। माघ सुदी पंचमी यानि बसन्त पंचमी के तहत मनाए जाने वाले उत्सव में प्रतिदिन की पूजा-झांकियों में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत गोविंददेवजी मंदिर में पहली मंगला आरती का समय बदलकर प्रात:काल 4 बजे से 4.15 बजे रखा गया है। पहले यह समय सवेरे 5 बजे से 5.30 बजे तक था। अभिषेक तिथि पूजन का समय सुबह 4.45 बजे से 5.00 बजे रखा गया है। इसके बाद भक्तजनों को अभिषेक पंजामृत मंदिर निकास गेट से वितरित किया जाएगा।
धूप झांकी का समय 8.30 बजे से 9.45 बजे तक रखा गया है। पहले यह झांकी सवेरे 8.00 बजे से 9.15 तक नियत थी। धूप झांकी खुलने पर पहले अधिवास पूजन होगा। तत्पश्चात धूप झांकी की जाएगी।
श्रृंगार सुबह 10.30 बजे से 11.15 तक किया जाएगा। श्रृंगार झांकी समाप्त होने के बाद मां भगवती सरस्वती देवीजी पूजन पश्चिमी परिक्रमा ठाकुरजी के चित्रपट सन्मुख होगा। उसके तुरंत बाद राजभोग की आरती होगी। राजभोग आरती का समय प्रात: काल 10 बजे के स्थान पर 10.30 बजे से 11.15 बजे तक निर्धारित किया गया है। बसन्त पंचमी उत्सव की सांयकाल की झांकियों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। ग्वाल से शयन तक की सभी झांकियां अपने निर्धारित समय पर ही होंगी।
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