राजस्थान के पाली जिले के रोहट कस्बे में मारू बंजारा समाज ने एक बैठक आयोजित कर बाल विवाह और दहेज प्रथा सरीखी सामाजिक कुरीतियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है। यहां कलाली सरपंच सरदारराम भाट ने समाज में बाल विवाह, दहेज प्रथा और सगाई के समय ओढ़ावनी प्रथा पर रोक लगाने के लिए समाज से अपील की तो समाज के अन्य सभी उपस्थित लोगों ने इसे सहमति प्रदान की। हालांकि यह महज एक शुरूआत है लेकिन शुरूआत ही बदलाव की निशानी है। रोहट कस्बे में हुई यह बंजारा समाज की राज्य स्तरीय बैठक है। इस बैठक में इस प्रकार की सामाजिक कुरीतियों की रोकथाम के लिए इन सभी पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां बैठक में मौजूद सभी लोगों ने इस पहल का समर्थन करते हुए इस मुहीम में सरपंच सहित पूरे समाज का साथ देकर बरसों से चली आ रही इन रूढ़िवादी विचारधाराओं से मुक्ति की अग्रणी पहल की है।
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बंजारा समाज को वैसे तो एक पिछड़ा वर्ग माना जाता है। लेकिन उनके द्वारा की गई एक अनूठी पहल ने समाज को बदलने की एक मुहीम जागृत की है। उनकी इस पहल को प्रदेशभर से समर्थन मिला है। समाज में फैली इन कुरीतियों की रोकथाम के लिए एक कार्यकारिणी का गठन भी किया गया है जिसमें अपने क्षेत्र से इन सभी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने की नई व अनूठी पहल की शुरूआत की है।
कुरीतियों की रोकथाम के लिए कार्यकारिणी का गठन
मारू बंजारा समाज की कुरीतियों की रोकथाम के लिए एक कार्यकारिणी का गठन किया गया है। इस समिति का अध्यक्ष गांव के सरपंच सरदारराम भाट कलाली को बनाया गया है। इसके साथ ही कार्यकारिणी का उपाध्यक्ष पेशीराम सांडिया व सोमाराम पंवार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अबाराम, महामंत्री बाबूराम, महासचिव धुलाराम, कोषाध्यक्ष राजूराम बंजारा, सचिव आलम पंवार, सहसचिव अमराराम, मंत्री हमताराम, सोनाराम, आत्माराम व रायमल, संयोजक नगाराम सांडिया, सलाहकार कानाराम चौहान और प्रकाश को संगठन मंत्री चुना गया है।
Source: Patrika