पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर दिल्ली के एम्स अस्पताल में हो गया था। वह 93 वर्ष के थे।
भारत रत्न सम्मान से विभूषित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पार्थिव देह आज पंच तत्व में विलीन हो गई। उन्हें उनकी पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने मुखाग्नि दी। नमिता अटलजी की दत्तक पुत्री है। पूर्व प्रधानमंत्री को पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई है। इस मौके पर सेना की तीनों टुकड़ियों ने तोपों की सलामी दी। अटलजी के अंतिम संस्कार में भूटान के शासन जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली, सार्क देशों के प्रतिनिधि, विभिन्न देशों के राजदूत, केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य सहित कई अन्य विदेशी गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए।
अटल बिहारी वाजपेयी पूर्ण पांच साल की अवधि की सेवा करने वाले पहले गैर-कांग्रेस प्रधानमंत्री थे। भारत सरकार ने 2014 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया था।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय से दोपहर एक बजे अटलजी की अंतिम यात्रा निकाली गई जिसमें सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया। उनकी इस अंतिम विदाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी सहित कई अन्य नेताओं सम्मिलित हुए। विजयघाट पर मुखाग्नि से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अटलजी के परम मित्र लाल कृष्ण आडवानी व अमित शाह आदि ने उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर नम आंखों से भाव भीनी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उप राष्ट्रपति वेकैंया नायडू, राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सांसद अनुराग ठाकुर, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, कांग्रेस संगठन महासचिव अशोक गहलोत सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री व नेता उपस्थित रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन 25 दिसंबर को 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘सुशासन दिवस’ घोषित किया था।
मेरे अटल जी https://t.co/rQPaxijz1P
— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2018
उनके निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय और राजकीय शोक घोषित किया गया है। यहां डेढ़ एकड़ में अटलजी का स्मारक बनाया जाएगा। पूरे देश की सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं में आज अवकाश की घोषणा हुई है। भारतीय जनता पार्टी के भीष्म पितामह और देश के 10वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। आज भाजपा की 63 साल पुरानी राजनीति का एक वृक्ष गिर गया है। कहना गलत न होगा कि देश की निष्पक्ष और उच्च कोटि की राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय आज समाप्त हो गया है।